चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने बंगाल जाएगी गृह मंत्रालय की टीम
नई दिल्ली, 25 मई (हि.स.)। चक्रवात अम्फन से पश्चिम बंगाल में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही गृह मंत्रालय की टीम राज्य का दौरा करेगी। सोमवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की चौथी बैठक में पश्चिम बंगाल में तूफान से प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत और बचाव कार्य की समीक्षा करते हुए यह बात कही।
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहत पैकेज के रूप में पश्चिम बंगाल सरकार को 1 हजार करोड़ रुपए पहले ही जारी कर दिए हैं। इसके लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने केंद्र को धन्यवाद भी दिया। राज्य के तूफान प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर विद्युत और दूरसंचार सेवाओं को बहाली शुरू कर दी गई है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाएं चालू कर दी गई हैं लेकिन कुछ क्षेत्रों में स्थानीय विद्युत वितरण नेटवर्क के क्षतिग्रस्त होने के कारण पूर्ण आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इसके लिए पड़ोसी राज्यों के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों को भी तैनात किया गया है।
इस बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों को कोलकाता में तैयात किया गया है ताकि सड़क की निकासी में मदद हो सके और लोगों को आने-जाने का रास्ता साफ हो सके। राज्य में राहत और बचाव कार्य को देखते हुए गौबा ने सलाह दी कि पूर्ण बिजली कनेक्टिविटी, दूरसंचार सेवा और पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता के आधार पर बहाल की जानी चाहिए। समीक्षा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को किसी भी आवश्यक सहायता के लिए केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं। राज्य की मांग के आधार पर पर्याप्त खाद्यान्न भंडार आपूर्ति के लिए तैयार रखा गया है।
कैबिनेट सचिव ने बैठक में यह सुझाव दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई अतिरिक्त जरूरत होगी तो उसके लिए केंद्रीय मंत्रालयों से राज्य सरकार के अधिकारी सीधे संपर्क कर सकते हैं ताकि जल्दी से आवश्यक सहायता मिल सके। इस बैठक में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। इसके अलावा गृह मंत्रालय, बिजली, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता आदि के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।