हॉकी इंडिया ने भारतीय पुरुष और महिला खिलाड़ियों को दिया एक महीने का अवकाश

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नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)।कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण बेंगलुरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केन्द्र में पिछले दो महीने से फंसे भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों को शुक्रवार को एक महीने का अवकाश दिया गया जिससे वह परिवार के साथ समय बिता सकें।
बता दें कि भारत सरकार ने 25 मार्च से जब देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी तब पुरुष और महिला हॉकी टीम के खिलाड़ी दक्षिण बेंगलुरू स्थित साई केन्द्र में थे।अवकाश मिलने के बाद शुक्रवार को टीम के ज्यादातर खिलाड़ी अपने घरो के लिए रवाना हो गए।
हॉकी इंडिया ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि टोक्यो ओलंपिक खेलों की तैयारियों के तहत खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए 19 जुलाई 2020 को पुरुष और महिला खिलाड़ियों को वापस बुलाया जाएगा।
साई सेंटर, बेंगलुरु में बहुत ही सुरक्षित वातावरण में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन बिताने के बाद, एथलीटों ने 10 जून 2020 से बुनियादी खेल गतिविधियों की शुरुआत की थी, हालांकि, टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड और सजोर्ड मारिजने के साथ परामर्श के बाद, यह सर्वसम्मति से तय किया गया है कि खिलाड़ियों को चार सप्ताह का ब्रेक लेने की अनुमति है।
मानसिक और शारीरिक रूप से मैदान में वापसी के महत्व को व्यक्त करते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा,”दोनों टीमों के मुख्य कोच के साथ परामर्श करने के बाद, हॉकी इंडिया ने फैसला किया कि खिलाड़ियों को बहुत जरूरी ब्रेक देना महत्वपूर्ण था। ये सभी के लिए चुनौतीपूर्ण समय रहा है। मैं टीमों के कोचिंग स्टाफ का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने हॉकी प्रशिक्षण निलंबित होने के बाद लॉकडाउन के दौरान खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक कल्याण सुनिश्चित किया।”
अहमद ने आगे कहा कि इस ब्रेक के दौरान, खिलाड़ियों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों को विशेष रूप से जानकारी दी गई है कि उन्हें इस ब्रेक के दौरान सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है और सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का भी ध्यान रखना है। हमें बहुत गर्व है कि हमारे खिलाड़ियों ने पिछले 3-4 महीनों में इस स्थिति को कैसे संभाला है और एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में बने रहे हैं।”
अहमद ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इस ब्रेक के दौरान वे जिम्मेदारी से काम करना जारी रखें। हमारा मानना ​​है कि इस बार खिलाड़ियों को ओलंपिक खेलों की तैयारियों को फिर से शुरू करने के लिए बेंगलुरु में मानसिक और शारीरिक रूप से नए सिरे से वापसी करने में मदद मिलेगी।

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