हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने थाने में घुसकर की थी दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री की हत्या, गवाह न मिलने पर हुआ था बरी

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कानपुर, 03 जुलाई (हि.स.)। कानपुर में गुरुवार की देर रात को आठ पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे का अच्छा खासा आपराधिक इतिहास है। चौबेपुर थाने थाने का हिस्ट्रीशीटर के अलावा उस पर 60 से ज्यादा आपराधिक मुकदमें दर्ज है। वह पहली बार सन 2001 में भाजपा के तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की सनसनीखेज हत्या के बाद चर्चा में आया था।
पुलिस रिकार्ड के मुत​बिक,  25 हजार का इनामी विकास दुबे की राजनैतिक दलों में भी अच्छी पकड़ है। जेल में रहते हुए उसने शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव जीता था। प्रधान भी रहा चुका है। पूर्व की बसपा सरकार में रहते हुए उसने गांव की कई जमीनों पर अवैध कब्जे कर गैर कानूनी तरीकों से काफी सारी संपत्ति बनाई ली है। उस वक्त बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में विकास दुबे के नाम का सिक्का चलता था।सहायक प्रबंधक की थी हत्या
पुलिस रिकार्ड के अनुसार सन 2000 में कानपुर देहात के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। इसके बाद शिवली थानाक्षेत्र में ही सन 2000 में रामबाबू यादव की हत्या का साजिश विकास ने जेल में ही रची थी। इसके बाद सन 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या का भी आरोपित है।

थाने में की थी दर्जा प्राप्त मंत्री की हत्या
पुलिस के मुताबिक सन 1996 में हुई चुनावी रंजिश को लेकर विकास ने 11 नवम्बर 2001 में भाजपा के तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या कर दी थी। 31 अक्टूबर 2017 को यूपी एसटीएफ ने उसे उसकी बुआ के घर लखनऊ से दबोचा था। उसका लोगों में इतना भय था कि कोई गवाह उसके सामने नहीं आया। इसके कारण वह केस से बरी हो गया। विकास दुबे की शादी शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क के पास रहने वाले राजू खुल्लर की बहन से हुई थी। वह ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज बना रखा था।


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