हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई को पाटने का लिया फैसला स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ने

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नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया ने देश में व्याप्त नफरत के माहौल को खत्म करने और हिंदू मुसलमानों के बीच पनप रही खाई को पाटने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चलाने का फैसला लिया है।
एफआइओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सलमान अहमद ने आज सोमवार को ओखला स्थित मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि आने वाले पवित्र रमजान माह में इफ़्तार कार्यक्रम का आयोजन करने का फैसला लिया गया है। इस इफ्तार पार्टी में सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर विचार करने, गोरेगांव आंदोलन के पीड़ितों के परिवारों के साथ सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को आमंत्रित करने का फैसला लिया गया है।
मोहम्मद सलमान अहमद ने बताया कि एसआईओ जमात-ए-इस्लामी हिंद की छात्र विंग के तौर पूरे देश में काम कर रही है। एसआईओ का काम मुख्य तौर पर छात्रों की समस्याओं, शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे बदलाव, शिक्षा में सुधार आदि पर नजर रखना है और छात्रों को इस से अवगत कराना है। इसके साथ एसआईओ समाज सुधार और समाज में पैदा होने वाली सभी तरह की समस्याओं पर भी नजर रखता है। उनका कहना है कि एसआईओ की तरफ से अभी हाल ही में महाराष्ट्र में कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वहां पर खून की कमी की समस्या से दो चार लोगों की मदद करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके तहत महाराष्ट्र के सभी जिलों में कैंप लगाकर खून एकत्र करने और ब्लड बैंक में जमा कराने का महत्वपूर्ण काम अंजाम दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पवित्र रमजान महीने में जमात-ए-इस्लामी हिंद के साथ मिलकर गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करने और उन्हें राशन किट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी इसी तरह की राशन किट गरीब परिवार को पहुंचाने का काम किया गया था।

 


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