हिमाचल का बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामला:सीबीआई ने 12 आरोपितों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

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नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिमाचल के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश (शिमला) की अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। मामले में कुल 12 आरोपित बनाए गए हैं, जिनमें शिक्षा विभाग के छह कर्मचारी, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा ऊना के पांच और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया नवांशहर पंजाब का एक कर्मचारी शामिल है।

सीबीआई नई दिल्ली के प्रवक्ता आरके गौड़ ने मंगलवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि 265 करोड़ के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने कड़ी छानबीन के बाद विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। आरोपितों में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें शिक्षा विभाग का तत्कालीन अधीक्षक एवं छात्रवृत्ति विंग डीलिंग हेड अरविंद, तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर माला मेहता, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ श्रीराम शर्मा, तत्कालीन अधीक्षक एवं बीडीओ सुरेंद्र मोहन कंवर, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ अशोक कुमार, तत्कालीन अधीक्षक एवं डीडीओ वीरेंद्र कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की निदेशक सरोज शर्मा, तत्कालीन कैंपस निदेशक डॉ बीएस संधू, तत्कालीन उपाध्यक्ष एवं मालिक हितेश गांधी, तत्कालीन अध्यक्ष प्रेम लाल गांधी, कार्यकारी प्रिंसिपल किरण चौधरी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया नवांशहर पंजाब का तत्कालीन हेड कैशियर एसपी सिंह शामिल है।

प्रवक्ता आरके गौड़ के अनुसार 12 आरोपितों पर अब मुकदमा चलेगा। इन सभी के खिलाफ सीबीआई ने 7 मई, 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। छात्रों द्वारा छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायतों पर एक राज्य परियोजना अधिकारी के माध्यम से पूछताछ की गई थी, जिसमें धन के वितरण में अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। आरोप यह भी था कि हिमाचल प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार, बैंक अधिकारियों और संस्थानों के शिक्षा विभाग से आरोपितों की मिलीभगत है। उस समय सीबीआई ने छापा मारकर तीन अधिकारियों के यहां तलाशी ली थी और तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

 


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