मेरठ एसपी सीटी के कथित बयान पर राजनीतिक गलियारों में छिड़ा संग्राम

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मायावती ने शासन से की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग



लखनऊ, 29 दिसम्बर (हि.स.)। मेरठ के एसपी सिटी के एक कथित बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में संग्राम छिड़ गया है। शनिवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्विट कर भाजपा पर निशाना साधा तो उमा भारती ने उस घटना को मानवता की नजरिये से सोचने की नसीहत दी। रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने इस मामले में शासन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
 
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को ट्विट किया कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वर्षों से रह रहे मुसलमान भारतीय हैं, न कि पाकिस्तानी अर्थात् सीएए/एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान खासकर उत्तर प्रदेश के मेरठ एसपी सिटी द्वारा उनके प्रति साम्प्रदायिक भाषा/टिप्पणी करना अति निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है। दूसरे ट्विट में उन्होंने लिखा कि ऐसे सभी पुलिसकर्मियों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिये और दोषी होने के सही सबूत मिलने पर फिर उनको तुरन्त नौकरी से बर्खास्त करना चाहिये।
शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने एक टीवी चैनल के वीडियो फुटेज को ट्विट करते हुए मेरठ एसपी सिटी के बयान पर लिखा कि भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं, तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।
 
इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने प्रियंका वाड्रा का जवाब देते हुए ट्विट किया कि मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह का पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे, पुलिस को मां-बहनों की गालियां दे रहे, पत्थर फेंक रहे, आगजनी कर रहे, दंगाइयों से यह कहना कि तुम पाकिस्तान चले जाओ। एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। राहुल गांधी एवं प्रियंका इसे राजनैतिक मुद्दा बनाते समय यह मानवीय पक्ष भूल रहे हैं कि पुलिस वालों के भी परिवार होते हैं तथा देशभक्ति का जज्बा उनमें प्रबल होता है, यह इन दोनों भाई बहनों की घिनौनी साजिश है। 
 
उमा भारती ने तीसरे और चौथे ट्विट में लिखा कि देश में शांति होने लगी है, उत्तर प्रदेश भी सामान्य स्थितियों की ओर लौटने लगा है, इस स्थिति को कांग्रेस एवं वामपंथी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। यह वो लोग हैं जिन्होंने धर्म के नाम पर देश को बांटा, 1984 में हजारों सिखों को जिंदा जलाया और अब पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों के साथ खड़े हो गए हैं। मैं अभी कर्नाटक में हूं, मेरे गुरुजी गंभीर रूप से बीमार हैं लेकिन मैं यहीं से यह संदेश देती हूं कि मैं मेरठ एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह के साथ हूं।
 

 


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