गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पंड्या की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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नैनीताल, 21 मई (हि.स.)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में छत्तीसगढ़ की युवती की ओर से दिल्ली में दर्ज कराई गई एफआईआर में सुनवाई के बाद गायत्री परिवार के प्रमुख और पंडित श्रीराम शर्मा के दामाद डा. प्रणव पंड्या की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पुलिस जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जून की तिथि नियत की है।
न्यायमूर्ति लोकपाल‌ सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार प्रणव पंड्या व अन्य ने हाईकोर्ट में ‌अपनी गिरफ्तारी पर रोक व दायर एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। एफआईआर के तहत छत्तीसगढ़ निवासी युवती ने गायत्री परिवार के प्रमुख पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उसकी तहरीर पर दिल्ली पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करते हुए मामला जांच के लिए हरिद्वार पुलिस को भेजा था। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जून की तिथि नियत की है।
शांतिकुंज के अलावा डा. पंड्या के पास थीं कई जिम्मेदारियां
शांतिकुंज के अलावा डा. पंड्या के पास देव संस्कृति विवि के कुलाधिपति, ब्रहमवर्चस शोध संस्थान के निदेशक तथा अखंड ज्योति पत्रिका के संपादक की जिम्मेदारी भी है। डा. प्रणव पंड्या को 1999 में हिंदू आफ दि ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें अमेरिका के विश्वविद्यालय अंतरिक्ष संस्थान नासा द्वारा वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के प्रचार प्रसार के लिए भी सम्मानित किया गया था।

 


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