लखनऊ, 03 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए 69 शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। बुधवार से भर्ती को लेकर काउंसलिंग शुरू होनी थी, लेकिन फिलहाल इस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। अब यूजीसी के अध्यक्ष से इस मामले में राय लेकर आगे फैसला लिया जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस आलोक माथुर के कोर्ट नंबर 26 में सुनवाई हुई। यह याचिका अमिता त्रिपाठी व अन्य की ओर से दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। इसके बाद ही अब आगे फैसला होगा। दरअसल बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए छह जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई थी। इन पदों के लिए करीब चार लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के बाद सरकार ने भर्ती का कटऑफ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए 65 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत की अनिवार्यता के साथ तय की थी। इस आदेश को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी थी।
याचिका में मांग की गई थी कि सरकारी नियमों के हिसाब से भर्ती के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई हो और महाधिवक्ता हर सुनवाई में मौजूद रहे। हाई कोर्ट की एकल पीठ में इस तरह कई याचिकाएं दायर हुईं। एकल पीठ के फैसले को पुर्नयाचिका के लिए दायर की थी। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने 6 मई को केस में फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने 6 मई को आदेश दिया था कि शिक्षक भर्ती सरकार के तय मानकों के आधार पर ही होगी। इसी के साथ कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि भर्ती प्रक्रिया अगले तीन महीने के अंदर पूरी कर ली जाए। हालांकि यह केस एक बार फिर से कोर्ट पहुंच गया है