दिल्ली बॉर्डर सील करने पर हाई कोर्ट हरियाणा सरकार से नाराज, 11 मई को मांगा जवाब

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नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली से हरियाणा की ओर से ट्रकों, डॉक्टरों, नर्सों और कोर्ट स्टाफ को जाने से रोकने के हरियाणा सरकार के आदेश पर नाराजगी जताई है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 11 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिका ओपी गुप्ता ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के 15 अप्रैल के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट बार्डर पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दे, ताकि जरूरी सामानों जैसे सब्जियों, फलों, दूध, दवाईयां की आपूर्ति सुचारू रूप से होती रहे। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा से सटे सिंघु, टिकरी, गुड़गांव, आया नगर और बदरपुर पर दिल्ली से हरियाणा में जरूरी सामानों वाले वाहनों को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
याचिका में कहा गया है कि हरियाणा में रहनेवाले लोग जो दिल्ली में नौकरी करते हैं, उन्हें भी अपने घर से आने-जाने की सुविधा मिलनी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि सोनीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने 30 अप्रैल के अपने आदेश में हरियाणा और दिल्ली के आवागमन को रोकने का आदेश जारी किया हुआ है। यहां तक की जरूरी सामानों की भी सोनीपत में आपूर्ति नहीं करने दिया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि सोनीपत में रहनेवाले या वहां नौकरी करनेवाले डॉक्टरों, नर्सों, कोर्ट स्टाफ को भी दिल्ली से आने-जाने नहीं दिया जा रहा है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सोनीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का आदेश संविधान की धारा 19(1)(डी) और धारा 301 का उल्लंघन है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया, जिसमें सामानों को ले जानेवाले ट्रकों की आवाजाही की अनुमति दी गई है। हरियाणा सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता के दावों को गलत बताया।

 


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