दिल्ली : 100 करोड़ की हेरोइन के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

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पकड़े गए आरोपितों की पहचान बाराबंकी, यूपी निवासी मोहम्मद हाशिम (32), मोहम्मद शब्बीर (49) और नरेश कुमार (49) के रूप में हुई है।



नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)।  मादक पदार्थों के तस्करों को पकडऩे में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने 100 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपितों की पहचान बाराबंकी, यूपी निवासी मोहम्मद हाशिम (32), मोहम्मद शब्बीर (49) और नरेश कुमार (49) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपितों के पास से 25 किलोग्राम उम्दा किस्म की हेरोइन व एक मारुति स्विफ्ट कार बरामद हुई है। आरोपितों ने कार में विशेष जगह बनाई हुई थी। ये लोग म्यांमार से मणिपुर होते हुए असम पहुंची हेरोइन को वहां से लाकर दिल्ली-एनसीआर के अलावा लखनऊ, बाराबंकी व यूपी के दूसरे हिस्सों में सप्लाई कर रहे थे। स्पेशल सेल पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
स्पेशल सेल के डीसीपी पीएस कुशवाहा ने बताया कि सेल की टीम मादक पदार्थ का धंधा करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। यही वजह है कि पुलिस की टीम इस साल हेरोइन तस्करी के 10 बड़े मामलों में 600 किलो से अधिक हेरोइन बरामद कर चुकी है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तस्करी के नए रूट म्यांमार से मणिपुर, असम होते हुए देश के बाकी हिस्साें में यह हेरोइन सप्लाई होती है। पकड़े गए आरोपितों के बारे में पुलिस की टीम ने करीब दो माह तक जानकारी जुटाई। इसके बाद 13 अक्टूबर को एसीपी अत्तर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार की टीम को सूचना मिली कि मो. हाशिम, मो. शब्बीर और नरेश कुमार असम से हेरोइन लेकर दिल्ली आ रहे हैं। हेरोइन इन लोगों को लाजपत नगर में किसी को देना है। सूचना के बाद पुलिस ने बारापुला फ्लाईओवर लूप, लाजपत नगर के पास छानबीन शुरू कर दी।
इस बीच आरोपित स्विफ्ट कार से वहां पहुंचे। पुलिस ने इनके पास से पांच-पांच किलोग्राम हेरोइन बरामद की। कार चालक के बराबर वाली सीट के नीचे पैर रखने वाले स्थान पर विशेष गुप्त स्थान से 15 किलो और हेरोइन बरामद की। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि वह हेरोइन असम में अपने स्रोत से लेकर आए थे। हेरोइन म्यांमार से होते हुए मणिपुर आती है। इसके बाद असम से बाकी तस्कर देश के दूसरे हिस्सों में हेरोइन को लेकर चले जाते हैं। इन्होंने बताया कि वह पिछले दो सालों से इस धंधे में लिप्त थे। हाशिम और शब्बीर कार डेंटर पेंटर का काम करते हैं। दोनों को हर ट्रिप में 50 हजार रुपये मिलते थे। नरेश खुद का ढाबा चलाता है। वह पिछले 15 सालों से मादक पदार्थों का धंधा कर रहा है। उसने नशे के लिए अपना खुद का नेटवर्क खड़ा कर लिया था। हाशिम व शब्बीर उसके लिए काम करते थे।

 


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