बिहार : सिमरिया पुल बना गड्ढा, भारी वाहनों का परिचालन ठप

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14 अगस्त को राजेंद्र सेतु के हाथिदह की ओर से सड़क धंस गया था, जिसे बांस और प्लाई का सहारा देकर किसी तरह ठीक कर दिया गया लेकिन पुल की क्षमता से चार गुणा अधिक भारी वाहन के लगातार गुजरते रहने के कारण एक बार फिर सड़क धंस गया।



बेगूसराय, 30 अगस्त (हि.स.)। पूर्वोत्तर के राज्यों को देश के अन्य भाग से जोड़ने वाले गंगा नदी पर बने राजेंद्र सेतु (सिमरिया पुल) पर बड़े वाहनों का परिचालन गुरुवार रात से पूरी तरह बंद कर दिया गया है। दरअसल पुल के सड़क मार्ग पर दरार आ गई है और एक बड़ा गड्ढ़ा बन गया है, जिसके बाद परिचालन रोकने का निर्णय लिया गया है। बड़े वाहनों का परिचालन रोकने के लिए बेगूसराय तथा पटना जिला प्रशासन द्वारा पुलिस पदाधिकारियों की दोनों ओर तैनाती की गई। साथ ही शनिवार तक दोनों ओर हाइट गेज लगा दिए जाएंगे।
डीएम राहुल कुमार ने बताया कि पुल के आंशिक क्षतिग्रस्त होने से बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगाई गई है। इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। पटना जिला प्रशासन से भी समन्वय हो गया है। पुल का सड़क मार्ग धंसने के बाद एवं एनएचएआई में हड़कंप मच गया। दोनों विभागों के वरीय अधिकारी दौरा कर इसके मरम्मत तथा ठोस विकल्प पर विचार विमर्श कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त को राजेंद्र सेतु के हाथिदह की ओर से सड़क धंस गया था, जिसे बांस और प्लाई का सहारा देकर किसी तरह ठीक कर दिया गया लेकिन पुल की क्षमता से चार गुणा अधिक भारी वाहन के लगातार गुजरते रहने के कारण एक बार फिर सड़क धंस गया।
सिमरिया पुल पर ट्रक परिचालन बंद होने से उत्तर बिहार में बालू समेत अन्य सामानों के दाम बढ़ने की संभावना है। गांधी सेतु बंद किए जाने के बाद सिमरिया पुल ही बड़े वाहनों के परिचालन का एकमात्र विकल्प था, अब जबकि इस पुल पर बड़े वाहनों को रोका गया तो भागलपुर पुल अथवा आरा पुल ही गंगा पार करने का एकमात्र विकल्प बच गया है।
पटना के गांधी सेतु और भागलपुर के विक्रमशिला सेतु से भारी वाहनों के गुजरने पर पाबंदी लग जाने के बाद से ही पूरे बिहार के वाहनों का लोड राजेन्द्र सेतु पर आ गया, जिसके बाद 16 टन से अधिक भारी वाहन के परिचालन पर रोक लगाने के लिए बेगूसराय एवं पटना जिला प्रशासन ने दोनों ओर पुलिस को लगाया। हालांकि इसका भी कोई फायदा नहीं मिला तथा दोनों ओर मौजूद सिपाही एवं संबंधित थाना 200 से 500 रुपया लेकर धड़ल्ले से 70-80 टन भारी वाहनों को पुल पार करवा रहे थे जिसके कारण पुल की हालत नाजुक हो गई।

 


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