हेमंत सोरेन विरासत बचाने में रहे कामयाब

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राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन के दूसरे बेटे हेमंत सोरेन हेमंत ने 2009 में झारखंड की सियासत में क़दम रखा। है।



रांची, 23 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्रकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन राजनीतिक विरासत बचाने में कामयाब रहे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन के दूसरे बेटे हेमंत सोरेन हेमंत ने 2009 में झारखंड की सियासत में क़दम रखा। है। वह 24 जून 2009 से 4 जनवरी 2010 तक राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। फिर विधायक बने और 2013 में हेमंत झारखंड के पहली बार मुख्यमंत्री बने। तब उनकी सरकार को कांग्रेस और राजद ने समर्थन दिया था। झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री बनने से पहले वे साल 2010 में बनी अर्जुन मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे थे। तब भाजपा और झामुमो ने आधी-आधी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने के फ़ॉर्मूले के तहत सरकार बनाई थी। बात बीच में ही बिगड़ गई और यह साझा सरकार दो साल चार महीने सात दिन के बाद ही गिर गई। तब राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

हेमंत का राजनीतिक सफर

कांग्रेस और राजद ने समर्थन देकर जुलाई 2013 में हेमंत सोरन के नेतृत्व में सरकार बनी। यह सरकार एक साल पांच महीने 15 दिनों तक चली। फिर विधानसभा के चुनाव हुए। साल 2014 में हुए चुनाव में झामुमो ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और उसे 19 सीटें मिलीं। तब सबसे पड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा ने सरकार बनाई और रघुवर दास मुख्यमंत्री बने। तब 19 विधायकों वाली पार्टी के नेता होने के करण हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनने का मौक़ा मिला।

2019 के लिए थर्ड फ्रंट से लेकर महागठबंधन की कोशिश

2019 लोकसभा चुनाव में हेमंत ने कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा (बाबूलाल मरांडी) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ मिलकर थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश भी की थी। झारखंड विधानसभा के मौजूदा चुनाव में भी उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का कांग्रेस और राजद के साथ महागठबंधन है। वे अपनी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। महगठबंधन ने उन्हें अपना मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित कर चुनाव लड़ा है। वे इस चुनाव में संथाल परगना की दुमका और बरहेट विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

10 अगस्त, 1975 हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना के साथ रांची के कांके रोड स्थित सरकारी आवास में रहते हैं। उनके दो बच्चे हैं। उनका जन्म रामगढ़ ज़िले के नेमरा में हुआ था। उन्होंने पटना में अपनी शुरुआती पढ़ाई की। बाद में उन्होंने बीआईटी मेसरा में भी एडमिशन लिया था। तब उन्हें मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी थी लेकिन उन्होंने यह कोर्स पूरा नहीं किया।

 


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