मुंबई, 04 अगस्त (हि.स.)। शुक्रवार रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश शनिवार को भी रात भर जारी रही। रविवार को भारी जलभराव से वसई तालुका में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। यातायात व्यवस्था ठप होने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई जगह रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है। ज्यादातर नाले उल्टी दिशा में बह रहे हैं। कई गांवों का सम्पर्क टूट जाने से लोगों के पानी में फंसे होने की जानकारी मिली है। पुलिस प्रशासन, मनपा व डॉक्टरों की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटे हैं।
बीते दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने शनिवार को वसई तालुका के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश के दौरान समुद्र में हाई टाइड से नाले उल्टी दिशा में बहने लगे और पानी घरों में घुस गया। कहीं-कहीं सड़कों, घरों, दुकानों में तीन से चार फुट पानी भर गया। रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से अधिकतर ट्रेनें रद्द रहीं। बारिश का कहर शहर से लेकर ग्रामीण भागों में भी देखा गया। शहरों की सड़कें, सोसाइटियां नदियों में तब्दील हो गयी हैं। कई गांवों में पानी भर जाने से लोग अपने बच्चों को लेकर घरों की छत चले गए। हालांकि मनपा, पुलिस व महसूल के कर्मचारी बचाव कार्य में जुटे थे। वसई पूर्व के माणिकपुर स्थित मीठाघर गांव ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां सैकड़ों लोगों के फंसे होने की खबर है।
वसई विरार में जलभराव पर नागरिकों का आरोप है कि वसई विरार के सैकड़ों प्राकृतिक नालों व तालाबों पर बिल्डरों ने मिट्टी भर कर उसपर अवैध निर्माण कर लिए हैं। जिससे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। मूसलाधार बारिश की वजह से डैम, नदी, नाले उफान पर हैं। वसई के पेल्हार, पापड़खिड़ डैम ओवरफुल होकर बह रहे हैं। प्रशासन ने मुंबई अहमदाबाद हाइवे, वसई अम्बाडी, लिंक रोड, सेंट्रलपार्क रोड, ओसवाल, प्रगतिनगर, 90 फिट रोड, गासगांव, बोलींज रोड, विवा कालेज, ग्लोबल सिटी रोड, आचोले रोड, वसई सनसिटी रोड आदि जगहों पर भारी जल भराव होने के कारण क्षेत्र के लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की है। भारी जल जमाव वाले क्षेत्रों में जाने वाले वाहन चालकों को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। शनिवार की देर रात से ही लोगों के घरों में पानी भरने लगा। इसकी सूचना पर कई इलाकों की बिजली काट दी गयी है। बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अधिक जलभराव वाले इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर बिजली आपूर्ति बंद की गयी है। खबर लिखे जाने तक बारिश रुक रुक कर जारी थी। कुछ ट्रेनों का धीमी गति से संचालन किया जा रहा था।