जनजीवन अस्त-व्यस्त गुजरात, मप्र, बंगाल समेत कई राज्यों में बारिश से

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गुजरात के आणंद में 4 घंटे में 7 इंच, सूरत में 3 इंच बारिश 

 उत्तराखंड के चमौली में बदरीनाथ हाइवे कई जगह बाधित 

 बंगाल की अधिकतर सड़कें जलमग्न, नदी-नाले उफान पर 

 दिल्लीवासियों को मानसूनी बारिश का करना होगा इंतजार



नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और कर्नाटक समेत देश कई राज्यों में हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।गुजरात के आणंद जिले में शुक्रवार सुबह करीब चार घंटे में 7 इंच और सूरत में पिछले 24 घंटे में 3 इंच बारिश हुई है। सूरत में अधिकतर सड़कें जलमग्न हो गई हैं और नदी-नाले उफान पर हैं। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत राज्य के अन्य इलाकों में पिछले पांच दिनों से जारी भारी बारिश से अधिकतर प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं। उत्तराखंड के चमौली जिले में भारी बारिश से बदरीनाथ हाई-वे कई जगह बाधित हो गया है। प्रदेश की सभी नदियां उफान पर हैं लेकिन खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली को अभी मानसूनी बारिश के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। मानसूनी हवाओं के 27 जून तक राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने का अनुमान है।

गुजरात के दक्षिण और मध्य इलाके में भारी बारिश हो रही है। आणंद जिले में शुक्रवार सुबह 6 से 10 बजे तक 4 घंटे में 7 इंच बारिश हुई। गुरुवार शाम 6 से 8 बजे तक 5 इंच बारिश हुई थी। सूरत जिले के चोर्यासी में 5 घंटे में 4 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। सूरत शहर में आज सुबह छह घंटे में 3 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। जिले के दाभोली, पुनागाम, अर्चना स्कूल, लिंबायत गरनाला, कतारगाम जैसे निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। सूरत की मेयर हेमाली बोघावाला ने अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों में गुजरात के उत्तर, दक्षिण इलाके में और सौराष्ट्र के कई जिलों में बारिश की संभावना जताई है। सौराष्ट्र के अमरली जिले के लाठी तहसील के ग्रामीण इलाकों में गुरुवार को भारी बारिश हुई। इसके बाद से क्षेत्र के हरसुरपुर देवलिया, शेखपिपरिया और वाडलिया गांव बाढ़ में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। हरसुरपुर देवलिया की स्थानीय नदी में बाढ़ आ गई।

उत्तराखंड में बारिश से गढ़वाल और कमाऊं में नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। पिथौरागढ़-घाट, बदरीनाथ और केदारनाथ हाइवे सहित राज्य के अन्य हाइवे बंद होने से आवाजाही बाधित है। प्रशासन की ओर से मार्ग खोलने के लिए कार्य जारी है। मौसम विभाग ने 20 जून तक बारिश का रेड अलर्ट जारी करते हुए छोटी नदी, नालों के पास रहने वालों को सतर्क रहने को कहा गया है। बिहार के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में 21 जून तक सामान्य से अधिक बारिश होगी। यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज आते हैं। उत्तर मध्य बिहार के जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में 19 जून तक अलर्ट है। इसी तरह उत्तर पूर्वी बिहार, दक्षिण पूर्व बिहार, दक्षिण मध्य बिहार और दक्षिण पश्चिम बिहार में भी कहीं-कहीं सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से राज्य की अधिकतर प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं। शनिवार तक भारी बारिश के अलर्ट की वजह से नदियों का जलस्तर और अधिक बढ़ने की आशंका है। राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश से तबाही का मंजर पैदा हो गया। सड़कों से लेकर लोगों के घरों में पानी भर गया है। बाहरी क्षेत्र में कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। दक्षिण बंगाल में लगातार बारिश से अजॉय, दाराकेश्वर, ब्राह्मणी, शिलावती, सुवर्णरेखा और कंगसावती सहित कई नदियों का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। कोलकाता के उत्तरी इलाके की अपेक्षा दक्षिणी इलाके में ज्यादा बारिश हुई है, जिससे बालीगंज, सर्कुलर रोड, लाउडन स्ट्रीट, सदर्न एवेन्यू की सड़कों एवं गलियों तथा कस्बों में जलभराव हो गया है। दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में 24 घंटे में 178.6 मिमी बारिश दर्ज की गई जबकि बांकुड़ा में 133.2 मिमी बारिश हुई।

झारखंड के गिरिडीह जिले में पिछले तीन दिनों से जारी बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला मुख्यालय की उसरी समेत कई नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिले के कई क्षेत्रों में रुक-रुक कर भारी बारिश से कई छोटे-बड़े पुल-पुलिया टूट गए हैं। शुक्रवार को कई नदी-नालों का जल स्तर बढ़ने से क्षेत्रीय नदियां पूरी तरह से उफान पर हैं। इलाके के कई घरों में बारिश का पानी घुस गया है। बेंगाबाद में चोरगता नदी घाट पर बालू लोड करने के दौरान एक बड़ा हादसे होते-होते बचा। वहीं, कर्नाटक के कई इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। चिकमंगलुरु के मलेनाडु में तीन दिन से तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। करावली के कई इलाकों में बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। शिवमोग्गा जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से तीर्थहल्ली इलाके के मेगरवल्ली में एक मकान गिरने की खबर है। दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों में आज और कल के लिए भारी से बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

उप्र के 25 जिलों में भारी बारिश के आसार 

मानसूनी बारिश ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में एक सप्ताह पहले ही दस्तक दे दिया, लेकिन अब यह कमजोर पड़ता दिख रहा है। सोनभद्र, प्रयागराज, कौशांबी, हमीरपुर, बरेली, सहारनपुर, लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में मानसून दस्तक देकर कमजोर पड़ गया है। वहीं गुरुवार रात को बांदा, कानपुर सहित आसपास के जिलों में अचानक झमाझम बारिश होने लगी। शुक्रवार को भी बांदा, कानपुर सहित कई जिलों में कहीं हल्की तो कही तेज बारिश हुई। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के 25 से अधिक जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश के आसार हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी तथा आसपास के इलाकों में बहुत भारी बारिश का अनुमान है। इसके अलावा सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, अयोध्या तथा अंबेडकर नगर और आसपास के क्षेत्रों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ऊपर बना मौसमी सिस्टम मध्य प्रदेश की ओर खिसक गया, जबकि बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र भी कमजोर हो गया। मानसून के इतने करीब आकर ठिठक जाना चकित करने वाला है। दक्षिण पश्चिमी हवा का रास्ता अरब सागर की ओर से मैदानी क्षेत्रों की ओर आ रही उत्तर पश्चिमी हवा ने रोक दिया है। हालांकि शुक्रवार को जो मौसम गतिविधियां बन रही हैं उससे भटके बादलों की सक्रियता बढ़ गई है।

 

मप्र : सतपुड़ा जलाशय के तीन गेट खोले गए 

मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही अब बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। मौसम वैज्ञानिक जीडी मिश्रा के मुताबिक झारखंड में कम दबाव का सिस्टम बना हुआ है। इस वजह से पूर्वी मध्य प्रदेश में ज्यादा बारिश की संभावना है। इसके चलते रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में तेज वर्षा हो सकती है। भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन संभाग के कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की भी संभावना भी है।

पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। इसमें टीकमगढ़ में 52 मिमी, उमरिया 40.8, नरसिंहपुर में 7.0, मंडला में 36.0, खंडवा में 28.0, जबलपुर में 10.4, भोपाल में 0.1, ग्वालियर में 2.6, खजुराहो में 9.0, बैतूल में 4.2, सागर में 13.8, नौगांव में 13.8, दमोह 13.0, छिदवाड़ा 0.2 मिमी दर्ज हुई। बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात सारणी, घोड़ाडोंगरी, शाहपुर के पहाड़ी इलाकों में हुई तेज बारिश से नदी-नालों में उफान आ गया। नदी नालों में आई बाढ़ का पानी सतपुड़ा जलाशय सारणी में संग्रहित होने से डेम का जलस्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा। इसके चलते गुरुवार रात 12 बजे से सतपुड़ा जलाशय के तीन गेट 3-3 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा गया।

गुजरात, मप्र, राजस्थान में और आगे बढ़ा दक्षिण पश्चिमी मॉनसून 

मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है। दिल्ली को मॉनसून की बौछारों के लिए अभी इंतजार करना होगा। मानसूनी हवाओं के 27 जून तक राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने का अनुमान है। अगले 24 घंटे में गुजरात, मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों में, दक्षिण राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। मौसम विभाग ने गुरुवार को कहा था कि पश्चिमी हवाओं का असर मॉनसून पर 23 जून तक बना रह सकता है इसलिए दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष हिस्से में इस दौरान मॉनसून नहीं पहुंचने के आसार है। मॉनसून के आगे बढ़ने का क्रम 26 एवं 30 जून के बीच धीरे-धीरे मजबूत होने की उम्मीद है।

 


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