नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। भड़काऊ भाषण पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के बारे में उचित फैसला लेने को कहा है। मामले की सुनवाई कल यानि 27 फरवरी को होगी।
इसके पहले सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जज जस्टिस मुरलीधर ने भड़काऊ बयान के मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। बाद में जो आदेश कोर्ट ने लिखवाया, उसमें सीधे-सीधे एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दिया।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में बुधवार को भाजपा विधायक अभय वर्मा और सांसद प्रवेश वर्मा के बयान की क्लिप भी कोर्ट में दिखाई गई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का भी वीडियो दिखाया गया। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता जान-बूझकर इन्हीं चार वीडियो क्लिप की बात क्यों कर रहे हैं? और भी बहुत क्लिप हैं। सुनवाई के दौरान एक वकील ने कोर्ट में असदुद्दीन ओवैसी के बयान का ज़िक्र किया।
कोर्ट ने पूछा कि आप एफआईआर कब दर्ज करेंगे। तुषार मेहता ने कहा कि उचित समय पर दर्ज होगा। जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि दिल्ली जल रही है। अब कब उचित समय आएगा? कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा कि जब आपके पास इतने क्लिप हैं तो आपको एफआईआर दर्ज करने से किसने रोका है।
कोर्ट में मौजूद पुलिस अधिकारी से जस्टिस मुरलीधर ने पूछा कि जब आप सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए एफआईआर दर्ज कर सकते हैं तो भड़काऊ बयान के मामले में क्यों नहीं?