नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.) । दिल्ली हाईकोर्ट ने डिजिटल पेमेंट करनेवाले ऐप गूगल पे प्लेटफॉर्म पर यूजर के पास पहले से मौजूद यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने वीडियो क़न्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद रिजर्व बैंक, गूगल पे और नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।
याचिका शुभम कापाले ने दायर की है। उनकी ओर से वकील सुनेहा जैन ने कोर्ट को बताया कि गूगल पे अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर के पास पहले से मौजूद यूपीआई आईडी से काम करने की अनुमति नहीं देता है। याचिका में कहा गया है कि गूगल पे अपने ग्राहकों को नया यूपीआई आई या वीपीए बनाने को मजबूर करता है और उन्हें एक नए ग्राहक के रुप में प्रदर्शित करता है। याचिका में कहा गया है कि गूगल पे नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया के यूपीआई आईडी के पोर्टेबिलिटी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।
याचिका में कहा गया है कि नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने जनवरी 2917 में एक सर्कुलर के जरिये कहा था कि ग्राहक चाहे तो वो पहले से बनाए गए यूपीआई आई का इस्तेमाल कर पैसे का लेन-देन कर सकता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने कई बार गूगल पे ऐप से पेमेंट किया लेकिन हर बार पहले से बने यूपीआई आईडी के जरिये पेमेंट नहीं करने दिया गया। याचिकाकर्ता ने पीएम केयर्स फंड में भी गूगल पे से दान देने की कोशिश की लेकिन उसे पुराने यूपीआई आईडी से ट्रांसफर नहीं करने दिया गया।