नई दिल्ली, 28 अगस्त (हि.स.)। कश्मीर के आईएएस टॉपर शाह फैसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को दो सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सितंबर को करेगा।
शाह फैसल के वकील ने कोर्ट को बताया कि वे लुकआउट सर्कुलर की वजहों को नहीं जानते हैं। लुकआउट सर्कुलर के जरिए किसी को यात्रा करने से रोका जा सकता है लेकिन उसे हिरासत में नहीं रखा जा सकता।
पिछले 27 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि शाह फैसल को आईबी के लुकआउट सर्कुलर जारी करने की वजह से हिरासत में लिया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हलफनामे में कहा है कि शाह फैसल अमेरिका में मास्टर्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स करने जानेवाले थे लेकिन उनके वीजा पर बी1 और बी2 छपा हुआ था जो कि स्टूडेंट वीजा नहीं है जिससे कोई व्यक्ति अमेरिका में पढ़ाई कर सके। हलफनामे में कहा गया है कि शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नामक राजनीतिक दल का गठन किया है और केंद्र सरकार की ओर से पिछले पांच अगस्त को जो संवैधानिक बदलाव किया था उसके मुखर विरोधी रहे हैं। ऐसे में उनका बिना किसी स्टूडेंट वीजा के अमेरिका पढ़ने जाने में सच्चाई नहीं है।
पिछले 23 अगस्त को शाह फैसल की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई तीन सितंबर तक के लिए टाल दी थी। दरअसल 23 अगस्त को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पी. चिदंबरम मामले में व्यस्त थे और हाईकोर्ट में सुनवाई के समय उपलब्ध नहीं थे, जिसके बाद कोर्ट ने तीन सितंबर तक के लिए सुनवाई टालने का आदेश दिया।
23 अगस्त को सुनवाई के दौरान फैसल के वकीलों ने मांग की कि उनके बेटे और माता-पिता को उनसे मिलने दिया जाए। तब कोर्ट ने कहा था कि फैसल की पत्नी, पुत्र और अभिभावक उनसे मिल सकते हैं लेकिन एक साथ नहीं। केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार फैसल से मिल सके। शाह फैसल ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर किया है। पिछले 19 अगस्त को कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
शाह फैसल को 14 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लेकर श्रीनगर वापस भेज दिया गया। श्रीनगर में उन्हें घर पर नजरबंद रखा गया है। शाह फैसल ने आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति की शुरुआत की। वे जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष हैं। केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने का उन्होंने विरोध किया है।