पत्नी की मर्जी के खिलाफ संबंध बनाना तलाक का आधार नहीं

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दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका



नई दिल्ली, 09 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने वैवाहिक बलात्कार यानि पत्नी की मर्ज़ी के खिलाफ पति का जबरन शारीरिक संबंध बनाने को तलाक का आधार बनाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। याचिका वकील अनुजा कपूर ने दायर की थी।
याचिका में कहा गया था कि वैवाहिक बलात्कार से संबंधित मामलों में केस दर्ज करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश होने चाहिए ताकि संबंधित प्राधिकार की जिम्मेदारी तय की जा सके। याचिका में कहा गया था कि कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ दंड का प्रावधान होना चाहिए। याचिका में कहा गया था कि वैवाहिक बलात्कार अभी अपराध नहीं माना गया है, जिसकी वजह से पति के खिलाफ पत्नी की शिकायत पर किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है।
याचिका में कहा गया था कि हिन्दू विवाह अधिनियम, मुस्लिम पर्सनल लॉ और स्पेशल मैरिज एक्ट में वैवाहिक जीवन में वैवाहिक बलात्कार को तलाक का आधार नहीं माना गया है, इसलिए पति के खिलाफ क्रूरता के लिए इसका तलाक के आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

 


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