नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाथरस की गैंगरेप पीड़ित लड़की की फोटो की जगह एक दूसरी महिला का फोटो सोशल मीडिया पर दिखाने के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो इस शिकायत पर जल्द कार्रवाई करें। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे फेसबुक, ट्विटर और गूगल को इस संबंध में आदेश जारी करें।
हाथरस कांड में जिस महिला का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है उसके पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की पत्नी की मौत हो चुकी है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की पत्नी का फोटो हाथरस गैंगरेप पीड़िता के रुप में सोशल मीडिया पर दिखाया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि कानून के मुताबिक गैंगरेप पीड़िता की पहचान उजागर करना भी भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है जबकि सोशल मीडिया पर तो गलत फोटो ही दिखाया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान ट्विटर की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो वे नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो को www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एक बार ट्विटर के पास उचित तरीके से शिकायत पहुंच जाएगी तो वे उसे अपने प्लेटफार्म से हटा देंगे या ब्लॉक कर देंगे। गूगल की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह महज एक सर्च इंजन है। अगर उसे इस बात की औपचारिक शिकायत मिलती है तो वह ऐसे फोटोग्राफ्स को ब्लॉक कर देगा। उसके बाद कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे तुरंत इस शिकायत पर गौर करें और फेसबुक, ट्विटर और गूगल को इस फोटो को हटाने का दिशा-निर्देश जारी करें।