कैथल, 26 सितम्बर (हि.स.)। देशभर में अपनी सुंदरता के बल पर दर्जनों अवार्ड जीतने वाले कैथल के सुल्तान (मुर्राह झोटे) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। सुल्तान की मौत के बाद उसका मालिक नरेश सदमे में है और हर समय उसकी तस्वीर को निहारता रहता है। कैथल के बुढ़ाखेड़ा गांव के सुल्तान ने कैथल का ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हरियाणा का नाम रोशन किया था।
सुल्तान के सीमन से हर साल करीब एक करोड़ की कमाई होती थी। सुल्तान सालभर में 30 हजार सीमेन की डोज देता था। सुल्तान वर्ष 2013 में हुई राष्ट्रीय पशु सौंदर्य प्रतियोगिता में झज्जर, करनाल और हिसार में राष्ट्रीय विजेता भी रह चुका था। राजस्थान के पुष्कर मेले में एक पशु प्रेमी ने सुल्तान की कीमत 21 करोड़ रुपये लगाई थी। उसके मालिक नरेश ने कहा कि सुल्तान उसका बेटा है और बेटों की कोई कीमत नहीं हुआ करती। नरेश व उसके भाई सुलतान की देखभाल अपने बेटे की तरह ही करते थे।
सुल्तान के शौक किसी राजा महाराजा से कम नहीं थे। वह रोजाना शाम को स्कॉच पीता था। उसे रोजाना अलग-अलग ब्रांड की स्कॉच दी जाती थी। मंगलवार को ड्राई डे होता था। रोजाना 10 किलो दाना और इतना ही दूध दिया जाता था। रोजाना करीब 35 किलो हरा और सूखा चारा खाता था। सर्दियों में 15 किलो सेब और गर्मियों में 20 किलो गाजर खिलाया जाता था। रोजाना करीब 2500 रुपए का चारा सुल्तान को दिया जाता था।
सुल्तान से मिली थी मुझे पहचान
मालिक नरेश का कहना है कि सुल्तान जैसा, न कोई था और न शायद कोई होगा। उसी की वजह से आज पूरे उत्तरी हरियाणा में लोग हमें जानते हैं। मालिक नरेश ने सुल्तान को बचपन से पाला है। उसको अपने बच्चे की तरह लाड-दुलार दिया, लेकिन आज उसके चले जाने के बाद परिवार में एक कमी सी महसूस हो रही है। खाली खूंटा नरेश को दुखी करता है हर वक्त बस उसकी तस्वीर को निहारते रहते हैं। उसके अवार्ड देखते रहते हैं।