चंडीगढ़, 02 नवम्बर (हि.स.)। कांग्रेस विधायक दल एवं नेता विपक्ष को लेकर चल रही खींचतान पर शनिवार को विराम लग गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर सहमति जताते हुए उन्हें कांग्रेस विधायक दल एवं नेता प्रतिपक्ष का ओहदा सौंपा। हुड्डा को विपक्ष के नेता होने के नाते कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा और विधानसभा में दफ्तर भी अलाट होगा। दिल्ली में हरियाणा मामलों के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने यह घोषणा की है।
हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को अप्रत्याशित सफलता दिलाने वाली हुड्डा-सैलजा की जोड़ी दिल्ली दरबार में भी अच्छी खासी पैठ रखती है। शुक्रवार को विधायक दल व नेता विपक्ष के नाम पर सहमति न बनने के बाद आखिरकार दिल्ली दरबार से पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के नाम पर मोहर लग ही गई। पूर्व मुख्यमंत्री को नेता विपक्ष का ओहदा मिलने से उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है, क्योंकि उन्हें कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा मिल गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछली बार नेता विपक्ष का ओहदा इनेलो विधायक अभय चौटाला के पास था। उन्होंने पांच साल जनता की आवाज बुलंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लिहाजा अब हुड्डा को नेता विपक्ष के नाते अभय के हितों की रक्षा करनी होगी।
शुक्रवार को प्रदेश मुख्यालय में केंद्रीय पर्यवेक्षक मधूसूदन मिस्त्री, हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में 25 विधायकों ने हुड्डा के नाम पर सहमति जताई थी, लेकिन पांच विधायक ऐसे भी थे जो कांग्रेस की पूर्व विधायक दल की नेता किरण चौधरी के पक्ष में थे। लिहाजा रायशुमारी के बाद भी विधायक दल के नेता के नाम पर सहमति नहीं बन पाई तो नेता का चयन करने का अंतरिम फैसला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया और सभी की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया।
शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को तवज्जो देते हुए उनके नाम पर मोहर लगा दी। इस बार कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 31 सीटों पर जीत हासिल की। यह तभी संभव हो पाया है, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस की कमान संभाली और प्रदेश अध्यक्ष का बदलाव किया गया, जबकि कांग्रेस वर्ष 2014 में कांग्रेस 15 सीटों पर सिमट गई थी।