मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसानों से अपील, बार्डर छोड़ घरों को लौटें

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कहा, किसानों पर दर्ज केसों का जल्द करेंगे रिव्यू, मौत के कारणों पर होगा मुआवजे का फैसला



चंडीगढ़, 19 नवम्बर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिंघु और टीकरी बार्डर पर धरना दे रहे किसानों से धरना समाप्त करके घरों को लौटने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के ऐलान के बाद शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आंदोलन चलाया जा रहा था, वह समाप्त हो गया है। अब किसानों को बिना किसी देरी के अपने-अपने घरों को लौट जाना चाहिए। सरकार पर विश्वास करके किसान अपने काम पर लौटें।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान खुद प्रधानमंत्री ने किया है। ऐसे में इसपर अविश्वास की कोई गुंजाइश नहीं है। मनोहर लाल ने कहा कि तीन कृषि कानूनों में एमएसपी का कोई उल्लेख नहीं था। इसके बावजूद सरकार एमएसपी के समाधान के लिए संयुक्त समिति बनाने का फैसला कर चुकी है। हरियाणा में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए केसों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा कि पिछले समय के दौरान दर्ज किए गए केसों का रिव्यू किया जाएगा। पहले भी सरकार द्वारा केस वापस लिए जाते रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो केस गंभीर धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं या अदालतों में चले गए हैं उनके बारे में भी कानूनी राय लेकर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का प्रयास है कि इस मुद्दे को किसी भी सूरत में बढ़ने नहीं दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से किसान आंदोलन का केंद्र हरियाणा बन गया था। इस कारण हरियाणा को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। उन्होंने बताया कि वह जब-जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह तथा प्रधानमंत्री से मिले हैं तब तब न केवल आंदोलन को लेकर सरकार का इनपुट केंद्र को दिया है बल्कि किसान नेताओं द्वारा रखे गए मुद्दों को भी अनौपचारिक रूप से केंद्र तक पहुंचाने का काम किया है।

हरियाणा और केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर पर पिछले दो माह से इस विवाद को खत्म करने के प्रयास शुरू कर दिए गए थे। इसके चलते आज प्रधानमंत्री ने खुद इसका ऐलान किया है।

आंदोलन के दौरान मारे गए हरियाणा के किसानों को मुआवजा देने तथा शहीद का दर्जा देने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी तरह का फैसला लेने से पहले यह पता किया जाएगा कि किन परिस्थितियों में और किन कारणों में किसान की मौत हुई है। मौत के कारणों के आधार पर ही मुआवजे के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत नहींः प्रधानमंत्री द्वारा इन कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के संबंध में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मनोहर लाल ने कहा कि यह फैसला एकदम से नहीं लिया गया है। इस पर काफी समय से बातचीत चल रही है और काफी समय से चल रहे गतिरोध को देखते हुए किसान हित में यह निर्णय लिया गया है। इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री ने यह फैसला करके बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आम आदमी के नेता हैं।

सरकार ने हमेशा किसानों के हित में कदम उठाए हैंः मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए गए हैं। चाहे हर टेल तक पानी की पहुंच सुनिश्चित करना हो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद, जल संरक्षण योजनाओं के कार्यान्वयन, फसल खराबे की मुआवजे की राशि में वृद्धि, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को खोलना आदि। हरियाणा ने निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए विभिन्न किसान-हितैषी निर्णय लेने के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।


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