हरियाणा : 15 हजार करोड़ के घाटे के साथ मनोहर सरकार ने पेश किया बजट

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एक साल में 10 हजार करोड़ बढ़ गया हरियाणा का बजट प्रदेश में 132 योजनाओं का विलय,18 योजनाएं बंद



चंडीगढ़, 28 फरवरी (हि.स.)। एक साल के भीतर हरियाणा का बजट दस हजार करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहली बार बतौर वित्त मंत्री एक लाख 42 हजार 343.78 हजार करोड़ का बजट पेश किया। जबकि पहले कार्यकाल के दौरान अंतिम बजट एक लाख 32 हजार 165.99 करोड़ का था।

अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर प्रदेश की स्थिति को पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहला मौका है जब प्रदेश में 132 अनुपयोगी योजनाओं का 46 योजनाओं में विलय कर दिया गया है। जबकि 18 योजनाओं को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा छह योजनाओं का अन्य विभागों में समावेश कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि राजकोषीय घाटा चौदहवें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित जीडीपी की तीन प्रतिशत सीमा में रखने में सफल हुए हैं। सरकार द्वारा कुल बजट का 28.61 प्रतिशत हिस्सा कर्ज एवं ब्याज चुकाने में खर्च किया जाएगा। वर्ष 2017-18 में हरियाणा का घाटा 2.62 प्रतिशत था। वर्ष 2018-19 में यह उदय के साथ 2.98 तथा 2019-2020 में यह घाटा उदय के साथ 2.82 प्रतिशत तथा उदय के बगैर 2.56 रहेगा।
पिछले बजट में राजस्व घाटा जहां 12022.49 का बताया गया था, वहीं इस बार यह घाटा बढ़कर 15371.95 करोड़ तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री के अनुसार कर्ज की सीमा भी जीएसडीपी की सीमा में रही है। हरियाणा का कर्ज 2018-2019 में जहां उदय के साथ 21.36 प्रतिशत था, वहीं 2019-20 में 21.26 प्रतिशत अनुमानित है।

मुख्यमंत्री के अनुसार हरियाणा का राजस्व घाटा भी जीएसडीपी के मानकों के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में सार्वजनिक क्षेत्रों के केवल 13 उपक्रम लाभ और 10 उपक्रम घाटे की स्थिति में थे। सरकार के प्रयासों से पिछले वर्ष के दौरान घाटे में चल रहे उपक्रमों की संख्या कम होकर चार रह गई है। सार्वजनिक उपक्रमों का घाटा 2213.83 करोड़ से कम होकर केवल 52.09 करोड़ रुपये रह गया है।

बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में 2019-2020 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर जहां पांच प्रतिशत होगी, वहीं हरियाणा 7.75 प्रतिशत के पायदान पर होगा। वर्ष 2014 से लेकर 2019 तक हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय में 35.49 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 18-19 में जहां प्रति व्यक्ति आय 1,69,409 रुपये रही, वहीं 19-20 में 1,80,026 रुपये होने का अनुमान है। आगामी वित्त वर्ष तक यह आय 2,64,207 रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री का दावा जनता व जनप्रतिनिधियों ने बनाया बजट :
मनोहर लाल ने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करते हुए बताया कि पहली बार आठ प्री बजट चर्चाओं का आयोजन किया गया। गुरुग्राम, पानीपत, फरीदाबाद और हिसार में आयोजित प्री बजट चर्चाओं में 101 संगठनों ने 215 सुझाव दिए। चंडीगढ़ में महिला समूह की परिचर्चा में 66 सुझाव तथा दिल्ली में आयोजित सांसदों की बैठक में 17 तथा विधायकों की तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान 620 सुझाव मिलने के बाद बजट तैयार किया गया है।
आंकड़ों में मनोहर सरकार का बजट :
कुल बजट 142343.78 करोड़
कुल घाटा 15373.95 करोड़
कुल कर्ज198700 करोड़
राजस्व प्राप्तियां 89964.14 करोड़
कुल प्राप्तियां 119751.97 करोड़
कुल खर्च 119751.97 करोड़
वेतन एवं पेंशन 36012.00 करोड़

 


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