चंडीगढ़, 09 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा में बर्ड फ्लू के केस सामने आने के बाद शनिवार को जहां पशु पालन विभाग ने मुर्गियां मारने की कार्रवाई शुरू कर दी है वहीं एक वीडियो वायरल होने के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन, स्वास्थ्य, पर्यावरण विभाग से सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इन विभागों पूछा गया है कि उनके पास मरी हुई मुर्गियों को दबाने, संक्रमित मुर्गियों को मारने तथा बर्ड फ्लू फैलने से रोकने की क्या योजना है?
प्रदेश में बर्ड फ्लू की वजह से करीब चार लाख मुर्गियां मर चुकी हैं जबकि एक लाख 66 हजार मुर्गियां मारी जानी हैं। पंचकूला के सिद्धार्थ व नेचर नामक पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू के मामलों का पता चला है। शनिवार को विभागीय टीमों ने मुर्गियों को मारना शुरू कर दिया है। इस बीच आज दोपहर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पोल्ट्री फार्म मालिकों द्वारा सड़क किनारे ही मुर्गियों को दबा दिया गया। बाद में ग्रामीणों में किसी बीमारी फैलने की आशंका के चलते दोबारा गहरा गढ्ढा खोदकर मुर्गियों को दबा दिया। यह वीडियो एनजीटी तक पहुंचा जिसका संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब कर ली गई है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रीतमपाल सिंह के अनुसार पक्षियों को मारने तथा दबाने का कोई वैज्ञानिक तरीका किसी के पास नहीं है। यह गंभीर मामला है। लोगों की सेहत और जान से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा के अधिकारियों से यह रिपोर्ट भी मांगी है कि अभी तक कितनी मुर्गियां वास्तव में मारी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।