चंडीगढ़, 08 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश की खेल नीति में एक बार फिर बदलाव का ऐलान कर दिया है। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पैरा-ओलंपिक खिलाड़ी व ओलंपिक में पदक विजेता दीपा मलिक की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि अब पैरा-ओलंपिक खिलाड़ियों को भी अब सामान्य की कैटेगरी में रखा जाएगा।
सीएम ने कहा कि ओलंपिक, एशियाई व कॉमन वेल्थ खेलों के पदक विजेता पैरा खिलाड़ियों को भी सामान्य की तरह क्लास-1 की नौकरी मिलेगी। पिछले दिनों संशोधित की गई नीति में उन्हें क्लास-2 तक की नौकरी का प्रावधान किया था। सीएम खट्टर व महिला बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने इस मौके पर कामकाजी महिलाओं को अनुकूल माहौल देने तथा उनके बच्चों की देखभाल के लिए 30 मॉडर्न क्रेच का शुभारंभ किया। पहले चरण में 8 जिलों में ये क्रेच खुले हैं। सरकार की योजना सभी जिलों में कामकाजी महिलाओं को यह सुविधा देने की है। इस दौरान पोषण अभियान के तहत कुपोषण, अनीमिया से लड़ने के लिए जन-आंदोलन की शुरूआत भी सीएम ने की। महिलाओं को आर्थिक, शोषण से बचाने के लिए वन स्टाप सेंटर के तहत व्हाट्सएप नंबर-9478913181 लांच किया गया। महिला दिवस के मौके पर विभाग ने 9 एनजीओ के साथ एमओयू किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए कई नये फैसले लिए हैं। दिव्यांग महिला कर्मचारियों को स्पेशल चाइल्ड केयर भत्ते के तौर पर 1500 रुपये महीने मिलेंगे। इसी तरह से महिला कर्मचारियों की मेटरनिटी लीव अवधि बढ़ाई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायकों का मानदेय दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। महिलाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए पुलिस में उनका संख्याबल 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पहली महिला रिजर्व बटालियन बनाई गई है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के बाद लिंगानुपात में सुधार हुआ है। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत भागीदारी देने का ऐतिहासिक कानून सरकार ने बनाया है।