राज्यसभा के उपसभापति बने हरिवंश
नई दिल्ली, 14 सितम्बर (हि.स.)। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा सदस्य व जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के नेता हरिवंश नारायण सिंह को सोमवार को दोबारा राज्यसभा उपसभापति चुन लिया गया।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार सिंह के चयन की घोषणा की। इस संबंध में लाए गए प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विपक्ष की ओर से इस पद के लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा उम्मीदवार थे।
भारतीय जनता पार्टी के नेता जगत प्रकाश नड्डा ने उपसभापति पद के लिए हरिवंश के नाम का प्रस्ताव सदन में पेश किया जिसका केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने समर्थन किया।
वहीं दूसरी ओर इसी पद के लिए विपक्ष की ओर से मनोज झा के नाम का प्रस्ताव किया गया। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने झा के नाम का प्रस्ताव किया जिसका कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने समर्थन किया। किंतु, हरिवंश को ध्वनिमत से चुन लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश नारायण सिंह के उपसभापति चुने जाने पर उन्हें बधाई दी । उन्होंने कहा कि एक हरिवंश बतौर पत्रकार समाजसेवी के तौर पर जनसेवा की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब ने देखा है कि उन्होंने किस तरह से सदन की कार्यवाही संचालित की। उनका वह बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने यह सम्मान स्वयं अर्जित किया है। उनका संसद संचालन में निष्पक्ष रवैया लोकतंत्र को मजबूत करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हरिवंश वह उत्तम दर्जे के अंपायर हैं और आने वाले समय में भी अपनी यह भूमिका निभाते रहेंगे। वह हमेशा से अपनी जिम्मेदारी को निभाने में तत्पर रहते हैं और औरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।
मोदी ने कहा कि हरिवंश सिंह ने संसद की कार्यवाही को उत्पादक एवं सकारात्मक बनाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं। वह बिहार से आते हैं जो अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जाना जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक सम्मेलनों में हरिवंश सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वह जहां भी गए हैं उन्होंने भारत की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है।
हरिवंश नारायण सिंह को इससे पहले 8 अगस्त 2018 को उपसभापति बने थे उनका कार्यकाल 2 वर्ष के लिए था जो अप्रैल 2020 में समाप्त हो गया आज उन्हें दोबारा चुन लिया गया।
उल्लेखनीय है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद हरिवंश पत्रकारिता से जुड़ गए। उन्होंने कहीं समाचार पत्र और पत्रिकाओं का संपादन दायित्व निभाया। प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में उनके वह प्रेस सलाहकार भी थे। वे जनता दल (यू) के प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा के सदस्य चुने गए और बाद में सदन के उपसभापति बने।