चंडीगढ़, 08 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऐलान किया है कि प्रदेश के अनाथ आश्रमों में पलने वाले जिन बच्चों का कोई भी वारिस नहीं है, अब सरकार उनकी वारिस बनेगी। हरियाणा सरकार ऐसे बच्चों को न केवल पढ़ाई करवाएगी बल्कि शादी की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी। ऐसे सभी अनाथ बच्चे सोमवार से लागू हुई ‘हरिहर’ योजना के तहत कवर होंगे।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार को चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘हरिहर’ योजना का ऐलान करते हुए कहा कि इस योजना के तहत बालगृह में आने वाले ऐसे सभी बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाई का खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद ऐसे युवाओं को सरकार सीधे एक्सग्रेशिया पॉलिसी में कवर करेगी और ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की नौकरी दी जाएगी। इसके लिए उन्हें किसी तरह की परीक्षा नहीं देनी होगी।
सीएम ने कहा कि अगर ऐसे युवा ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट करते हैं तो वह क्लास-वन और क्लास-2 की नौकरी के भी हकदार होंगे लेकिन इसके लिए उन्हें लिखित परीक्षा पास करनी होगी। ऐसे सभी युवाओं को सरकार आर्थिक रूप से पिछड़ वर्गों की कैटेगरी में रखेगी और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था उन पर लागू होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरी के बाद संबंधित युवा या युवती की शादी होने तक उसकी सेलरी बैंक खाते में जमा होगी।
अगर उसे आगे की पढ़ाई जारी रखनी है या और कोई ट्रेनिंग/कोचिंग लेनी है तो वह खाते से 20 प्रतिशत तक पैसा ही निकलवा सकेगा। बाकी का पैसा उसे एक साथ उनके विवाह के मौके पर मिलेगा। सीएम ने कहा कि अगर शादी के बाद भी उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है तो सरकार उनके लिए मकान का प्रबंध करेगी।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, मुख्य सचिव विजय वर्धन, सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव अमित अग्रवाल, उपप्रधान सचिव आशिमा बराड़, महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त डॉ राकेश गुप्ता एवं महानिदेशक डॉ़ रेणु फुलिया सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अलग-अलग कैटेगरी में महिलाओं के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाली 29 महिलाओं को नकद पुरस्कार व प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया।