हरभजन ने की ग्रेग चैपल की आलोचना,कहा- उन्होंने पूरी टीम को विभाजित कर दिया..
नई दिल्ली,14 जून (हि.स.)। भारत के अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह ने रविवार को पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पूरी टीम को विभाजित कर दिया। उन्होंने कहा कि आज तक कोई नहीं जान पाया कि चैपल का असली मकसद क्या था।
भारत के पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा से उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर हरभजन ने कहा, “जब ग्रेग चैपल हमारे टीम के कोच के रूप में आए, तो उन्होंने पूरी टीम को बाधित कर दिया, जब वह हमें कोच करने आए थे तो कोई नहीं जानता था कि उनका मकसद क्या था। उन्होंने पूरी टीम को विभाजित कर दिया।”
बातचीत के दौरान आकाश ने जब हरभजन से उनके कैरियर के सबसे खराब क्षण के बारे में पूछा तो हरभजन ने कहा, “वर्ष 2007 का 50 ओवर का विश्व कप मेरे करियर का सबसे खराब पल था, मुझे लगा कि हम इतने कठिन समय से गुजर रहे हैं और मैंने यह भी सोचा कि शायद भारत के लिए खेलने का यह सही समय नहीं है, गलत लोग शीर्ष पर थे। भारतीय क्रिकेट को ग्रेग चैपल बांटने की कोशिश कर रहे थे। इस कारण टीम का विश्व कप में खराब प्रदर्शन रहा और टीम लीग चरण से आगे नहीं बढ़ पाई।”
हरभजन ने यह भी कहा कि 2007 विश्व कप टीम एक मजबूत टीम थी, लेकिन वे आगे बढ़ने में असफल इसलिए रही, वह इसलिए कि टीम के ड्रेसिंग रूम का वातावरण ठीक नहीं था।
हरभजन ने कहा, “हमारे पास 2007 विश्व कप के लिए एक मजबूत टीम थी, हम सिर्फ प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं थे क्योंकि कोई भी मन से नहीं खेल रहा था, ई भी एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करता था, जब टीम खुश नहीं होती है तो परिणाम नहीं आते हैं। हम श्रीलंका और बांग्लादेश से हार गए, वे उतनी बड़ी टीमें नहीं थीं।”
बता दें कि वर्ष 2007 के 50 ओवर के विश्व कप में, भारत ग्रुप चरण में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गया था। 2004/05 के अंतरराष्ट्रीय सत्र के अंत में जॉन राइट के अनुबंध को नवीनीकृत नहीं करने के बाद ग्रेग चैपल को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था।
चैपल की नियुक्ति के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम ज्यादातर विवादों में रही, क्योंकि उस दौरान सौरव गांगुली को पहले टीम से और साथ ही साथ कप्तानी के पद से भी हटा दिया गया था। 2007 विश्व कप की शुरुआत के बाद, चैपल ने भारतीय टीम के कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद से, कई खिलाड़ियों ने कहा है कि चैपल भारतीय क्रिकेट में सबसे खराब कोच थे।
चैपल की अक्सर टीम को विभाजित करने और अपने अलग तरीके से टीम को चलाने के लिए आलोचना की गई है।