बच्ची से दुष्कर्म, हत्या के दोषी को 29 फरवरी को लटकाया जाएगा सूली पर

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सूरत सेशंस कोर्ट ने जारी किया डेथ वारंट, साबरमती जेल में दी जाएगी सुबह साढ़े चार बजे फांसी



अहमदाबाद, 31 जनवरी (हि.स.)। लिंबायत में साढ़े तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने वाला 22 वर्षीय युवक 29 फरवरी को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। सूरत सेशंस कोर्ट ने अक्तूबर 2018 के इस मामले में दोषी ठहराए गए बक्सर (बिहार) के अनिल यादव के खिलाफ गुरुवार को डेथ वारंट जारी कर दिया। उसे गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में सुबह 4ः30 बजे सूली पर लटकाया जाएगा।
साबरमती जेल में 1953 के बाद होगी दूसरी फांसीः  साबरमती सेंट्रल जेल में 1953 में कैदी काना परबत को पहली बार फांसी पर लटकाया गया था। अब दूसरी बार 29 फरवरी को अनिल को सूली पर लटकाया जाएगा। अनिल यादव का डेथ वारंट साबरमती जेल भेज दिया है। आजादी के बाद से अब तक  गुजरात में अब तक राजकोट जेल में चार,  वडोदरा जेल में तीन और अहमदाबाद में एक कैदी को सूली पर लटकाया जा चुका है।राज्य में आखिरी बार राजकोट जेल में 1989 को यरवडा जेल के जल्लाद विष्णु काले ने शशिकांत माली को सूली पर लटकाया था। उस पर राजकोट के वकील परिवार के तीन सदस्यों की हत्या का दोष सिद्ध हुआ था। तीन दशक में 20 कैदियों की फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। ऊपरी अदालतों में फैसलों को चुनौती दी गई है। कुछ मामलों में दया याचिका लंबित हैं। इस वजह से यह लोग जेलों में बंद हैं।

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