नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के पहले चरण के क्रियान्वयन को बड़ी सफलता मिली है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने शनिवार को पत्रकारवार्ता में यह बात कही। साथ ही उन्होंने सर्राफा कारोबारियों के निकाय अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) से 23 अगस्त को हड़ताल पर जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध किया।
अनिवार्य हॉलमार्किंग के पहले चरण के क्रियान्वयन के दौरान हुई प्रगति को साझा करते हुए प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि यह एक बड़ी सफलता है। हम बेहतर परिणाम की कल्पना नहीं कर सकते थे। उन्होंने बताया कि पहले चरण के क्रियान्वयन के 50 दिन में एक करोड़ से ज्यादा आभूषणों को हॉलमार्क किया गया है। हमारे पास देश की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता और गति है।
तिवारी ने इस नई पहल के क्रियान्वयन की समय-सीमा बढ़ाने और विस्तार करने से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि सोने की हॉलमार्किंग लागू होने के समय पंजीकृत सर्राफा कारोबारियों की संख्या 35 हजार थी, लेकिन अब ऐसे जौहरियों की संख्या बढ़कर 91,603 हो गई है। उन्होंने कहा कि जब एचयूआईडी लागू किया गया था, तब जांच केंद्रों पर एक जुलाई से 20 अगस्त के बीच 1.17 करोड़ आभूषण प्राप्त हुए थे। इनमें से एक करोड़ से ज्यादा आभूषणों में एचयूआईडी हॉलमार्क किया गया था।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या) के साथ सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग को केंद्र सरकार के ‘मनमाने’ तरीके से क्रियान्वयन के फैसले के खिलाफ 23 अगस्त, 2021 को देशव्यापी ‘सांकेतिक हड़ताल’ का आह्वान किया है।