संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का धर्म गुरुओं से गलत बयानों को चुनौती देने का आग्रह

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नई दिल्ली, 13 मई (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने धर्म गुरुओं से “गलत और हानिकारक बयानों” को चुनौती देने का आग्रह किया जो कि पूरी दुनिया में फैल रही कोरोनावायरस महामारी के बीच नस्लीय-राष्ट्रवाद, दोषारोपण, घृणास्पद भाषण और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं।

यूएन प्रमुख ने कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में धार्मिक नेताओं की भूमिका पर एक वीडियो बैठक में चेतावनी दी कि “अतिवादी और कट्टरपंथी समूह नेतृत्व में भरोसे को नष्ट करने और स्वयं के हितों को साधने के लिये लोगों की कमजोरी का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने मानवाधिकार नेताओं से मानवाधिकार और मानवीय गरिमा के साथ-साथ सामाजिक सामंजस्य, आपसी सम्मान और समझ के आधार पर एकजुटता को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

गुटेरेस ने कहा कि धार्मिक नेता अपने समुदायों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे न केवल महामारी से निपट सकते हैं, बल्कि बेहतर तरीके से सभी समुदायों को अहिंसा अपनाने और नस्लवाद और असहिष्णुता के सभी रूपों को छोड़ने के लिये प्रोत्साहित कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र में मोरक्को के राजदूत उमर हिलाले द्वारा आयोजित बैठक को कैथोलिक, यहूदी और मुस्लिम धार्मिक नेताओं और अन्य यू.एन. अधिकारियों ने भी संबोधित किया।

महामारी फैलने के बाद महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा में खतरनाक वृद्धि का हवाला देते हुए गुटेरेस ने धार्मिक नेताओं से ऐसे कार्यों की निंदा करने और भागीदारी, समानता, सम्मान और करुणा के साझा सिद्धांतों का समर्थन करने की अपील की।

 


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