गुरुग्राम, 16 सितम्बर (हि.स.)। निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (राष्ट्रीय राजमार्ग-148एन) का गुरुग्राम जिले की सीमा में निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे। उनके साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सोहना के विधायक संजय सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने इस बड़े प्रोजेक्ट का अधिकारियों से जानकारी ली। मॉडल के माध्यम से पूरे प्रोजेक्ट पर काफी देर तक मंत्रणा की।
गुरुवार की सुबह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जिला के सोहना उपमंडल के गांव लोहटकी के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर पहुंचे। उन्होंने साइट विजिट करने के साथ एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि हरियाणा में इस परियोजना के तहत कुल 160 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है, जिसमें से 130 किलोमीटर का अवार्ड पूरा हो चुका है। हरियाणा के हिस्से में इसके निर्माण पर लगभग 10 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। नितिन गडकरी ने कहा कि हरियाणा को राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़कर यह एक्सप्रेस-वे आर्थिक समृद्धि और विकास के नये मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे लंबा आठ लेन का एक्सप्रेस-वे होगा।
हरियाणा के 65 गांवों के पास से गुजरेगा यह हाइवे
गुरुग्राम जिले के 11, पलवल के 7 तथा मेवात जिले के 47 गांवों के निकट होकर यह हाइवे गुजरेगा। हरियाणा के तीन जिलों के मिलाकर 65 गांवों के पास यह हाइवे गुजरेगा। इस हाइवे का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। हरियाणा राज्य में हाइवे की शुरुआत गुरुग्राम-अलवर रोड (एनएच-248) से होगा जबकि प्रदेश में इस हाइवे पर आखिरी गांव नूंह जिला के फिरोजपुर झिरका का गांव कॉलगांव है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मार्च-2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके पूरा हो जाने के बाद हरियाणा में यातायात की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। नूंह और पलवल जिले में ये बड़े राजमार्गों जैसे कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे तथा डीएनडी सोहना आदि से जुड़ेगा।