भोपाल, 16 दिसम्बर (हि.स.)। लगभग 400 साल बाद गुरुवार 17 दिसम्बर को आसमान में एक खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। इस दिन शाम को सूरज के विदा होते ही पश्चिमी आकाश में बृहस्पति-शनि और चंद्रमा को त्रिकोण बनाते हुए देखा जा सकेगा। दरअसल गुरुवार शाम को गुरु और शनि ग्रह का मिलन होगा और इस मिलन का गवाह बनने के लिए आसमान में चांद भी उपस्थित रहेगा।
भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बुधवार को बताया कि 17 दिसम्बर की शाम लगभग 400 साल बाद बृहस्पति और शनि का इतने नजदीक से संयोजन होगा कि उनके सामने 13 प्रतिशत आकार में चमकता हुआ हंसियाकार क्रिसेंट मून आसमान में दिखेगा। सारिका ने बताया कि खाली आंखों से यह त्रिमूर्तिदर्शन अत्यंत मनोहारी रहेगा। अगर आपके पास टेलिस्कोप है तो आकाश दर्शन का यह बहुत खास अवसर होगा, जब एक ही व्यूसाइड पर तीन खगोलीय पिंड होंगे। इसमें शनि अपने रिंग के साथ दिखेगा तो बृहस्पति के साथ उसके चार बड़े मून दिखेंगे। इसके साथ ही आसमान में चंद्रमा के क्रेटर को भी देखा जा सकेगा।
सारिका ने बताया कि आकाश में होने जा रहे इस संयोजन का गवाह आप भी बन सकते हैं लेकिन सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में सिर्फ 6 बजकर 30 मिनट तक यह खगोलीय घटना देखी जा सकेगी। उसके बाद अस्त होती हुई बृहस्पति और शनि की जोड़ी किसी इमारत के पीेछे छिपकर क्षितिज में समा जायेगी।