सिमी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को गुजरात पुलिस ने आजमगढ़ से दबोचा
आजमगढ़/अहमदाबाद, 06 सितम्बर (हि.स.)। गुजरात पुलिस ने यूपी के आजमगढ़ जिले से गुरुवार की रात को प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के संस्थापक सदस्य और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहिद बद्र को गिरफ्तार कर लिया। शाहिद के खिलाफ 18 साल पहले गुजरात के कच्छ जिले में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस मामले में छह साल पहले कोर्ट से उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था लेकिन तब से वह फरार था।
शाहिद की आजमगढ़ शहर में कर्बला मैदान के पास डिस्पेंसरी है। वह गुरुवार की देर शाम अपनी डिस्पेंसरी बंद करके घर गए थे, तभी रात लगभग आठ बजे उनके घर पर गुजरात पुलिस पहुंच गई और गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद गुजरात पुलिस उसे नगर कोतवाली लेकर पहुंची जहां बड़ी संख्या में उसके समर्थक और वकील भी पहुंचे। डा. शाहिद बद्र के अधिवक्ता खालिद ने बताया कि यह काफी पुराना मामला है लेकिन उनके क्लांइट को बिना ट्रांजिट रिमांड के सीधे गुजरात नहीं ले सकती।
एसपी सिटी पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि शाहिद बद्र के खिलाफ देशद्रोह और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा गुजरात में चल रहा था। इसी सिलसिले में गुजरात पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है। गुजरात पुलिस कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी उन्हें गुजरात लेकर जायेगी।
2012 में जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
गुजरात प्रांत के कच्छ जिले के भुज ए डिविजन के इंस्पेक्टर वाईपी साडेजा ने बताया कि 2001 में डॉ. शाहिद बद्र के खिलाफ कच्छ जिले में मुकदमा अपराध संख्या 58/2001 की धारा 353 व 143 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज है। इसी मुकदमे में गुजरात कोर्ट से उनके खिलाफ अक्टूबर 2012 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। उन्होंने कहा कि शाहिद के बारे में सही जानकारी न होने के चलते आज तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। सटीक सुराग लगने पर उनके साथ गुजरात की चार सदस्यीय पुलिस टीम आजमगढ़ आई और रात को उनके घर से गिरफ्तारी की गई।
दिल्ली का अदालत ने किया था बरी
सन 2001 में दिल्ली में उस पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने, राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान देने और लोगों को गुमराह करने के आरोप लगे थे। इस मामले में शाहिद को साल 2015 में दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया था।स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) भारत में एक प्रतिबंधित संगठन है। इसकी स्थापना 1977 में अलीगढ़ में की गई थी। कट्टरपंथी गितिविधियों में शामिल होने के चलते सिमी पर साल 2001 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। बाद में सिमी से प्रतिबंध हटाया भी गया था लेकिन फिर साल 2008 में इस संगठन पर बैन लगा दिया गया।