फर्जी ई-बिल बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

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जीएसटी विभाग में संविदाकर्मी है एक आरोपित- जीएसटी के अधिकारियों ने सात माह पहले दी थी एसटीएफ को शिकायत



नोएडा, 22 जून (हि.स)। गौतमबुद्ध नगर स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) ने फर्जी फार्म एवं ई-वे बिल बनाकर जीएसटी विभाग के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ क्षेत्राधिकारी राजकुमार मिश्र ने शनिवार को बताया कि इस गिरोह के काम करने का तरीका बहुत अलग था। गिरोह का मुखिया मूलतः आदर्शनगर दिल्ली निवासी 12वी पास राजीव कुमार(35) है। उसी ने बाकी के तीन आरोपित रोहिणी निवासी नितिन बंसल(33) , गौतमबुद्ध नगर गांव थापखेड़ा निवासी सतेंद्र कुमार(36) एवं विपिन(33) को अपने साथ गिरोह में जोड़ा था। उन्होंने बताया कि यह आरोपित सतेंद्र पहले जीएसटी विभाग में संविदा पर काम करता था वहीं दूसरा आरोपित विपिन अब भी कार्यरत था।
राजकुमार मिश्र ने कहा कि चारों आरोपित आम जनता का पहचान पत्र, घर के रेंट एग्रीमेंट इत्यादि लेकर पहले नकली फार्म और फर्जी ई-वे बिल बनाता था। इस धोखाधड़ी के जीएसटी विभाग को कुल 55 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इन आरोपितों ने कुल 20 फार्म एवं 615 करोड़ की फर्जी ई-वे बिल बना कर यह लूट की थी।

ऐसे खुल गई ठगी की पोल
राजकुमार मिश्र ने बताया कि जीएसटी विभाग ने 26 नवंबर,2018 को पत्र व्यवहार के द्वारा एसटीएफ को बताया था कि ग्रेटर नोएडा में छह नकली फार्म द्वारा फर्जी ई-वे बिल बनाकर टैक्स चोरी करने का खेल चल रहा है। जांच में बात सच पाई गई इसके बाद सूरजपुर थाने में तीन एवं बिसरख थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया। मिश्र के अनुसार शुक्रवार को गिरोह सभी सदस्यों के सूरजपुर जीएसटी कार्यालय की सूचना मिली थी। सूचना के बाद एसटीएफ ने आरोपितों की घेराबंदी कर चारों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से फॉर्च्यूनर कार, एक लाख बीस हज़ार नकद, लैपटॉप, मोबाइल, दस्तावेज आदि बरामद किया है।

ग्राहकों को नकली ई-वे बिल देता था बदले में मिलता था फिक्स कमीशन
एसटीएफ के अधिकारियों ने कहा कि आरोपितों ने राष्ट्रीय राजधानी में कुल 14 नकली फार्म बना रखा था। आरोपित इन नकली फार्म के नाम पर नकली ई-वे बिल बनाता था और अपने ग्राहकों को देता था। इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था। उनके ग्राहक बड़े-बड़े कारोबारी होते थे। कमीशन की दर जीएसटी के दर के अनुसार रहता था। कारोबारी उस बिल का उपयोग बिना जीएसटी दिए सामान बेचते थे।

जीएसटी के कार्यालय में नौकरी के दौरान सीखा ई-वे बिल बनाना
गिरोह का मुखिया राजीव कुमार सिर्फ बारहवीं तक पढ़ा है। वह पहले दिल्ली में अपने रिश्तेदार के यहां टैक्स और जीएसटी का काम करता था। वर्ष 2017 में राजीव सूरजपुर जीएसटी कार्यालय किसी काम से आया था, वही सतेंद्र से उनकी मुलाकात हुई थी। सतेंद्र सूरजपुर स्थित जीएसटी कार्यालय में वर्ष 2014-2017 के दौरान संविदा पर चालक की नौकरी करता था। सतेंद्र ने राजीव की दोस्ती विपिन से कराई थी। विपिन 2013 से ही कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी करता था। उसी दौरान राजीव ने सतेंद्र और विपिन को बताया कि वो अपने मित्र नितिन के साथ नकली फार्म बनाने का काम करते है और वो दोनों उसकी मदद कर अच्छा पैसा कमा सकते है। उसके बाद चारों इसी काम में लग गए।

 


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