पटना, 23 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार सहित सभी राज्यों में जीएसटी से जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए समितियों के गठन किया जायेगा। इनमें केंद्र व राज्यों के पदाधिकारियों के साथ उद्योग, व्यापार और कर सलाहकारों के अधिकतम 12 प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में पहली अप्रैल से लागू हाने वाली नई कर विवरणी के प्रारूप तथा इलेक्ट्राॅनिक इनवाॅयस आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गयी।
यह जानकारी उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बेंगलुरु में जीएसटी से अंगर्तत आईटी से जुड़े मंत्रीसमूह की 13वीं बैठक के बाद दी। मोदी ने बताया कि अभी तक पूरे देश में 24.86 लाख बिना पता के फर्जी और रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले करदाताओं के निबंधन को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही 3.47 लाख ऐसे करदाताओं के ई-वे बिल को रोक दिया गया है, जिन्होंने लगातर दो महीने तक कर विवरणी दाखिल नहीं किया है। ऐसे कारोबारी बाहर से कोई माल नहीं मंगा पायेंगे। उन्होंने बताया कि डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले करदाताओं को 8 प्रकार के एकाउंटिंग साॅफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे उन्हें इनकम टैक्स व जीएसटी रिटर्न तैयार करना आसान हो जायेगा। इसके अलावा जिन लोगों ने नगद लेजर के गलत शीर्ष में पैसा जमा करा दिया है, वे जनवरी के तीसरे सप्ताह से उसे एक से दूसरे शीर्ष में बदल सकते हैं। इससे करीब दो लाख करदाताओं को लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि 01 अप्रैल 2020 से लागू हो रही नई कर विवरणी में 5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों के लिए मासिक के बजाए त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने का विकल्प रहेगा। इसके साथ ही 100 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वालों को 01 अप्रैल से अनिवार्य इलेक्ट्राॅनिक इनवाॅयस निर्गत करेंगे, जिससे उनका रिटर्न, ई-वे बिल आदि स्वतः तैयार हो जायेगा। इसकी सफलता के बाद 100 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए भी इसे शुरू किया जायेगा।
मंत्रीसमूह की बैठक में कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई, ओडिशा से वित्तमंत्री निरंजन पुजारी व हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आदि भी उपस्थित थे।