जीएसटी मुआवजाः सभी राज्यों ने चुना 1.1 लाख करोड़ रुपये का विकल्प, झारखंड अंतिम राज्य

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सबसे अंत में विकल्प स्वीकार करने वाला राज्य झारखंड- राज्यों को साप्ताहिक किस्तों में फंड का भुगतान जारी रखेगा केंद्र



नई दिल्ली, 05 दिसम्बर (हि.स)। जीएसटी क्षतिपूर्ति में भरपाई के लिए सभी राज्यों ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का विकल्प स्वीकार कर लिया है। इसके बाद जीएसटी मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के बीच लंबे समय से चला आ रहा गतिरोध भी खत्म हो गया है। वित्त मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी। सबसे आखिर में झारखंड के यह विकल्प अपनाने के बाद अब केंद्र और राज्यों के बीच यह मामला सुलझ गया है।

झारखंड को स्पेशल बोरोइंग विंडो के जरिए
1,689 करोड़ रुपये मिलेंगे। साथ ही उसे राज्य की जीडीपी का 0.5 फीसदी तक उधार लेने की अनुमति होगी। इस तरह राज्य इसके जरिए 1765 करोड़ रुपये
अतिरिक्त जुटा सकता है।

राज्यों की तरफ से पांच किस्तों में 30,000
करोड़ रुपये उधार लेकर केंद्र पहले ही यह राशि राज्यों को दे चुका है।
झारखंड को अगली किस्त में 6,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह किस्त 7 दिसम्बको  दी जानी है।

केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए सभी
राज्यों को दो-दो  विकल्प दिए थे। पहला विकल्प 97,000 करोड़ रुपये का और दूसरा 2.35 लाख करोड़ रुपये का था। पहले विकल्प के तहत उधार लेने की सीमा
को बढ़ाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये किया गया था। केंद्र ने यह राशि उधार लेने और राज्यों को ट्रांसफर करने पर सहमति जताई थी। इस सहमति के बाद दूसरे विकल्प को बाद में हटा दिया गया था।

झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल ने पहले कोई विकल्प नहीं लेने का फैसला किया था। अब
ये राज्य भी इस पर सहमत हो गए हैं। केंद्र एक स्पेशल विंडो के तहत राज्यों को साप्ताहिक किस्तों में फंड का भुगतान जारी रखेगा। सभी राज्यों को 106830
करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी गई है।

 


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