शुक्रवार को ठाकुर ने ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) के 59वें सालाना कन्वेंशन में कहा कि जीएसटी घटाने के फैसले के लिए पहले फिटमेंट कमेटी और फिर जीएसटी काउंसिल की मंजूरी अनिवार्य होती है। हालांकि, वित्त राज्यमंत्री ठाकुर को कार्यक्रम में उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा। जब सभागार में मौजूद एक प्रतिभागी ने बीच में टोकते हुए उन्हें कहा कि ‘नोटबंदी’ की वजह से वाहन क्षेत्र (ऑटो सेक्टर) में मंदी छाई है। ठाकुर वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों के संगठन एसीएमए के सालाना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन में उपस्थि केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को कमजोर नहीं पड़ने देगी। मेघवाल ने कहा कि दीपावली आने वाली है। यह बात ऑटो कॉपोनेंट मैनयूफैक्चक्चर्स के मंच से उन्होंने कही।
ऑटो सेक्टर जीएसटी की मौजूदा 28 फीसदी की दर को घटाकर 18 फीसदी पर लाने की मांग कर रही है। जीएसटी काउंसिल की बैठक 20 सितंबर को हाने वाली है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार ऑटो सेक्टर में जान फूंकने का हर संभव प्रयास करेगी।