नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। मोदी 2.0 सरकार के कार्यकाल में गुडस एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की पहली बैठक 21 जून को होने वाली है।इस बैठक में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल 30 नवंबर, 2020 तक काउंसिल बढ़ा सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।बता दें कि एनएए टैक्स में कटौती का लाभ नहीं मिलने पर ग्राहकों के द्वारा की शिकायतों का निपटारा करता है। वहीं, जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक में पूर्वोत्तर के राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के लिए भी अलग -अलग अपीलीय प्राधिकरण के गठन के प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है।
यह बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में होगी।अधिकारी ने बताया कि जीएसटी काउंसिल एक्सट्रा-न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) पर जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। ईएनए का उपयोग शराब बनाने के लिए किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय की राय में एनएए का कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि प्राधिकरण को अब भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
उल्लेखनीय है कि एक जुलाई, 2017 को लागू किये जाने के साथ ही सरकार ने दो साल के लिए एनएए के गठन को हरी झंडी दे दी थी। इसका लक्ष्य जीएसटी दर में छूट का लाभ नहीं देने वाली कंपनियों के खिलाफ दर्ज शिकायतों का निपटारा करना है। एनएए के चेयरमैन बी एन शर्मा के पदभार संभालने के साथ ही 30 नवंबर, 2017 को अस्तित्व में ये प्राधिकरण आया था। एनएए ने विभिन्न मामलों में अब तक कुल 67 आदेश दिए हैं।बता दें कि जीएसटी काउंसिल एनएए कार्यकाल को 2 साल और बढ़ाना चाहता है। जीएसटी काउंसिल की 21 जून को होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय होगा। इससे पहले यह बैठक 20 जून को होनी थी, लेकिन अब इसे 21 जून तक के लिए टाल दिया गया है।