लखनऊ, 28 दिसम्बर (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने कानपुर में ग्रीन फील्ड मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए योगी सरकार के भेजे गये प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी प्रदान कर दी है। कानपुर में मेगा लेदर कल्स्टर की स्थापना से लगभग 5,850 करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं 1.50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। कल्स्टर के माध्यम से प्रतिवर्ष लगभग 13,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर भी होगा। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को इसके लिए केन्द्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का आभार जताया।
451 करोड़ रुपये से मेगा लेदर पार्क में अवस्थापना सुविधाओं का होगा विकास
मेगा लेदर पार्क की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 236 करोड़ रुपये तथा भारत सरकार 125 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस तरह कुल 451 करोड़ रुपये सहित अवस्थापना सुविधाओं के लिए व्यय किये जायेंगे। इसके तहत सड़क, वाटर सप्लाई, सीवेज, ड्रेनेज, हार्टीकल्चर, बाउंड्रीवाल, स्ट्रीट लाइट, इंटरनल वाटर सप्लाई, इंटरनर स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज, आई टी ऐण्ड टेलीकम्यूनिकेशन, प्रशासनिक भवन, डिजाइन लैब, टेस्टिंग लैब, वैल्यू एडीशन सेंटर, हास्टल तथा अन्य सामान्य सुविधाएं उद्यमियों को सुलभ कराई जायेंगी।
उप्र के चर्म उद्योग को मिलेंगी अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना सुविधाएं
श्री सिंह ने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण होने जाने पर उत्तर प्रदेश के चर्म उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी तथा घरेलू चर्म उद्योग को बेहतर उत्पादकता, निर्यात तथा नये निवेश के संदर्भ में वांछित प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा चर्म उद्योग के क्षेत्र में नये निवेश किये जाने से प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
250 एकड़ में प्रस्तावित परियोजना में 20 एमएलडी क्षमता का दूषित जल ट्रीटमेंट प्लांट
इसके अतिरिक्त परियोजना के तहत कल्स्टर में एक 20 एमएलडी क्षमता के दूषित जल ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जायेगी। 250 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित इस परियोजना से कानपुर की सभी प्रमुख टैनरियां आच्छादित हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के फलस्वरूप गंगा को साफ बनाये रखने की दिशा में भारत सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा।
कानपुर की इकाइयों में प्रतिदिन 75,000 जोड़े फुटवेयर का हो रहा निर्माण
कानपुर जनपद में चर्म उद्योग से संबंधित 2125 इकाइयां स्थापित हैं, जिसके माध्यम से 1.20 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। इन इकाइयों में प्रतिदिन 75,000 जोड़े फुटवेयर का निर्माण होता है और लगभग 6,500 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात भी किया जाता रहा है। इससे प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ का टर्नओवर भी होता था। प्रदूषण आदि की वजह से इन टैनरियों को 18 नवम्बर, 2018 को बंद कर दिया गया।
चर्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए उठाये गये कदम
इस सम्बन्ध में उन्होंने कानपुर जाकर टैनरियों की विस्तार से समीक्षा की और 20 दिसम्बर, 2019 से पुनः इनको शुरू करने के स्वीकृति दी गई। लेकिन कुछ कारणों से 19 फरवरी से इन्हें एक बार पुनः को बंद करना पड़ा है। राज्य सरकार द्वारा कानपुर के चर्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए उठाये गये इन कदमों से इस उद्योग को नया आयाम मिलेगा, वहीं नये निवेश के साथ अधिक से अधिक रोजगार का सृजन भी होगा।