ग्रीस के जंगल में पांच दिन से लगी है भीषण आग, हालात बेकाबू

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एथेंस, 09 अगस्त (हि.स.)। ग्रीस के जंगल में आग लगने से हालात बेकाबू हो गए हैं। सारे संसाधनों को झोंकने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। लगातार पांच दिन से लगी आग के कारण यहां का तापमान 45 डिग्री के ऊपर चला गया है। अग्निशमन दल के सैकड़ों कर्मियों की विमानों, हेलीकाप्टरों और अन्य देशों से भेजी गई मदद के जरिये जंगल में लगी भीषण आग को बुझाने की कोशिश सफल नहीं हो सकी है। ग्रीस में वर्षों बाद देश में इतनी भीषण गर्मी पड़ी है।

ग्रीस के दूसरे सबसे बड़े द्वीप इविया के जंगल में लगी आग पांच दिनों में एक तट से दूसरे और एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक पहुंच गई। इसके बाद तीसरे द्वीप दक्षिणी पेलोपोनीज क्षेत्र में पहुंच गई। उत्तरी एथेंस में यह पांचवीं सबसे भीषण आग है।

दर्जनों घरों को जलाने के बाद जंगल की आग माउंट पारनिथा नेशनल पार्क में पहुंच गई। जंगल की आग में बिजली का एक खंभा गिरने की वजह से अग्निशमन दल के एक कर्मी की सिर पर चोट लगने से मौत हो गई। आग में झुलसने वाले करीब 20 लोगों का इलाज चल रहा है।

आग लगने के कारणों की जांच चल रही है। शुक्रवार को इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ग्रेटर एथेंस क्षेत्र में केंद्रीय व दक्षिणी ग्रीस में आग भड़कने के शुरू होने का अंदेशा है।

प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने एथेंस में दमकल विभाग के मुख्यालय का दौरा कर दमकलकर्मी की मौत पर दुख जताया। एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि अनुमान है कि इस आग की वजह से करीब 70 फीसदी इलाका नष्ट हो गया है।

यूनान और यूरोपीय अधिकारियों और पर्यावरणविदों ने दक्षिण यूरोप से लेकर दक्षिण इटली और तुर्की तक जंगलों में बड़े पैमाने पर लगी आग के पीछे तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जंगल में लगी आग के चलते क्षेत्र का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। एथेंस के उत्तर में माउंट पारनिथा पर आग बीच-बीच में भड़क जा रही है। नागरिक सुरक्षा उप मंत्री निकोस हाडालियास ने कहा कि उम्मीद है कि रविवार तक आग पर काबू पा लिया जाएगा।

तटरक्षक बल की एक प्रवक्ता ने बताया कि इविया के उत्तरी छोर के निकट समुद्र किनारे के क्षेत्र पेफकी पर दस पोत रहवासियों एवं पर्यटकों को वहां से निकालने के लिए तैयार खड़े हैं। दमकलकर्मी सात हजार की आबादी वाले शहर इस्तिईया समेत कई गांवों को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं।


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