गाजियाबाद, 05 जून (हि.स.)। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से आवंटित सभी संपत्तियां आने वाले दिनों में ऑनलाइन होंगी। इसके साथ ही सम्पत्ति के आईडी पासवर्ड क्रिएट होंगे। इस कवायद के लिए जीडीए हैदराबाद की एक एजेंसी से जीआईएस सर्वे करा रहा है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा के मुताबिक सर्वे पूरा होने के बाद सभी संपत्तियों के आईडी और पासवर्ड क्रिएट किए जाएंगे।
जीडीए की 162000 संपत्तियां है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में 25 जून से इसे लागू किया जाएगा। वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि मधुबन बापूधाम से योजना शुरू करने का उद्देश्य यह है कि यह जीडीए की विकसित होती योजना है और यहां के आवंटियों को जीडीए से ज्यादा काम पड़ते हैं। संपत्तियां ऑनलाइन हो जाने से आवंटियों को जीडीए के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वीसी ने बताया कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मधुबन बापूधाम आवासीय योजना के बाद इस योजना को इंदिरापुरम में लागू किया जाएगा और धीरे-धीरे जीडीए की सभी योजनाओं को ऑनलाइन किया जाएगा
इस सुविधा के मिलने के बाद आवंटियों को किसी भी काम के लिए जीडीए कार्यालय में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हर आवंटी अपनी आईडी के जरिए संपत्ति पर ड्यूज की जानकारी भी घर बैठे ही ले सकेगा। उसे ऑनलाइन ही इस बात की भी जानकारी मिलेगी कि उसकी संपत्ति पर कितना चौकीदारा शुल्क बकाया है और कितना जीएसटी देना है या फिर कितना ब्याज देना है। आवंटी जीडीए की ओर दिए गये पासवर्ड को बदलकर अपना पासवर्ड भी बना सकेंगे। ताकि उसे इस बात का डर न रहे कि उसका पासवर्ड कोई दूसरा प्रयोग करके उसकी संपत्ति की जानकारी हासिल कर सकता है।
उन्होंने बताया कि इंदिरापुरम में भी एक-चौथाई भूखंड अनावंटित हैं, इसलिए मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना के बाद इंदिरापुरम में ऑनलाइन स्कीम लागू की जाएगी। अपनी आईडी पर जाकर आवंटी स्कैन किए हुए सारे दस्तावेज भी देख सकेंगे। इसके अलावा सबस बड़ा फायदा यह होगा कि संपत्तियों के ऑनलाइन होने के बाद जीडीए का बाबू यह कहकर चक्कर नहीं कटवा सकेगा कि फाइल नहीं मिल रही है।