मोदी 2.0 सरकार 16 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को दे सकती है सस्ती दर पर चीनी

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जल्द ही मोदी 2.0 सरकार लोगों के मुंह का स्वाद मीठा करने जा रही है। जी हां सूत्रों की मानें तो  नई सरकार में 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को हर माह सस्ती दरों पर एक किलो चीनी मुहैया करवाने की योजना पर विचार कर रही है।आपको बता दें कि मौजूदा समय में करीब 2.5 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा  है।



नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। जल्द ही मोदी 2.0 सरकार लोगों के मुंह का स्वाद मीठा करने जा रही है। जी हां सूत्रों की मानें तो  नई सरकार में 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को हर माह सस्ती दरों पर एक किलो चीनी मुहैया करवाने की योजना पर विचार कर रही है।आपको बता दें कि मौजूदा समय में करीब 2.5 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा  है।
इस प्रस्‍ताव पर अभी कोई नहीं हुआ है निर्णय
सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सब्सिडी  दरों पर चीनी मुहैया करना के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी. ये प्रस्ताव  खाद्यान्न मंत्रालय की ओर से रखा गया था। हालांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। कैबिनेट ने मंत्रालय से कहा कि प्रस्ताव पर फिर से काम करें और राशन के तहत अतिरिक्त खाद्यान (गेहूं या चावल) बांटने पर विचार किया जाए।
अभी 2.5 करोड़ परिवारों मिलती है चीनी
उल्लेखनीय है कि फिलहाल अंत्योदय योजना के तहत 2.5 करोड़ परिवारों को सब्सिडी के साथ 13.5रुपये प्रति किलो की दर से हर महीने एक  किलो चीनी दी जा रही है। अब इस योजना को 16.29 करोड़ अतिरिक्त परिवारों तक बढ़ाने की बात चल रही है. ऐसा हुआ तो अन्य करीब 80 करोड़ लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा।
सरकार पर पड़ेगा 4,727 करोड़रुपये का अतिरिक्त भार
रिपोर्ट्स के अनुसार  इससे सरकार पर 4,727 करोड़रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं, खाद्य मंत्रालय दवारा सब्सिडी से एक या 2 किलो अतिरिक्त खाद्यान उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जा रहा है। बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत सरकार 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अनाज सस्ती दरों पर मुहैया कराती है। इसमें गेंहूं दो रुपये  किलो व चावल तीन रुपये किलो की दर से दिया जाता है।
गेहूं और चावल से भरे पड़ें हैं एफसीआई गोदाम
दरअसल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम गेहूं और चावल के भंडार से भरे पड़े हैं। भारी पैदावर और गेहूं तथा चावल की खरीद के कारण बफर स्‍टॉक (भंडार) काफी बढ़ गया है। कुछ भंडार तो खुले में भी हैं जिससे मानसून शुरू होने से पहले एफसीआई पर इसके निपटान का दबाव बन रहा है। बताया जा रहा है कि, दक्षिण-पश्चिम मानसून 5 जून को केरल पहुंच सकता है।

 


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