लखनऊ, 10 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नगर विकास विभाग द्वारा चिह्नित दैनिक कार्य करने वाले विभिन्न श्रेणी के स्ट्रीट वेंडर, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, ई-रिक्शा चालक और मंडी में काम करने वाले पल्लेदार आदि को प्रति लाभार्थी एक हजार उसके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लाॅकडाउन की कार्रवाई प्रारंभ होने के पहले ही प्रदेश सरकार ने वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। उसकी की संस्तुति के अनुसार सरकार ने ने तय किया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए हुए लाॅकडाउन के कारण जिन लोगों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है उन्हें कुछ सहयोग किया जा सके। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए 11 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को 1000 की धनराशि उनके खाते में उपलब्ध करवाई जा चुकी है। 20 लाख निर्माण श्रमिकों को यह धनराशि उपलब्ध करवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने भी ठेला, खोमचा, रेहड़ी, रिक्शा, ई-रिक्शा, पल्लेदार, या अन्य सेवाएं देने वाले लोग हैं, इनके लिए एक सर्वे कराकर हमने प्रशासन को आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई है। स्वाभाविक रूप से इस समय लाॅकडाउन के कारण इन सभी का कार्य प्रभावित है। इन सभी को भरण-पोषण का भत्ता दिया जाना चाहिए। ऐसे 15 लाख से अधिक दैनिक काम करने वाले लोगों को भी हम धनराशि उपलब्ध करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 88 लाख मनरेगा श्रमिकों के मानदेय को बढ़ाकर 202 रुपये किया गया है। लगभग 27.15 लाख से अधिक मनरेगा श्रमिकों, जिनकी बहुत दिनों से कुछ राशि बकाया थी, उन्हें एकमुश्त राशि दी गई।
इसके साथ ही, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन या फिर अन्य पेंशन योजनाओं से जुड़े 87 लाख परिवारों को सरकार ने समय से पहले उनकी पेंशन उपलब्ध कराई है। जितने भी ठेला, खोमचा, रेहड़ी, रिक्शा, ई-रिक्शा, पल्लेदार, या अन्य सेवाएं देने वाले लोग हैं, इनके लिए एक सर्वे कराकर प्रशासन को आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। स्वाभाविक रूप से इस समय लाॅकडाउन के कारण इन सभी का कार्य प्रभावित है। इन सभी को भरण-पोषण का भत्ता दिया जाना चाहिए। ऐसे 15 लाख से अधिक दैनिक काम करने वाले लोगों को भी हम धनराशि उपलब्ध करवा रहे हैं।
प्रदेश में 1 अप्रैल से खाद्यान्न का वितरण आरंभ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ की घोषणा की है। जिसमें प्रदेश के 2.34 करोड़ किसानों को 2000 रुपये प्रतिमाह आगामी तीन महीनों तक दिए जाने की व्यवस्था है। जनधन योजना में जिन महिलाओं के खाते हैं, उन्हें 500 रुपये प्रतिमाह आगामी तीन महीने तक देने की व्यवस्था है। इसके साथ ही उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक गैस सिलेंडर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना है। प्रति यूनिट पांच किलो खाद्यान्न, भारत सरकार के स्तर पर भी हर लाभार्थी को निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय में केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार पूरी मजबूती के साथ गरीबों के साथ खड़ी है। लंबे समय से उपेक्षित 4.81 लाख नगरीय क्षेत्रों के वेंडर्स की सहायता करने का कार्य किया जा रहा है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड या कोई अन्य सुविधा नहीं है, उन लोगों को भी सुविधाओं से आच्छादित करने का कार्य व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है।
उनको भरण-पोषण भत्ता, राशन कार्ड उपलब्ध कराकर, खाद्यान्न उपलब्ध कराने की कार्रवाई हो। कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था, स्वास्थ्य आदि की सुविधाएं प्रदेश व केंद्र की सरकारें मिलकर प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के रोकने में हम तभी सफल होंगे जब प्रधानमंत्री के बताये निर्देशों का पालन सभी लोग मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि बाहर बहुत आवश्यक हो, इमरंजेंसी हो तभी निकलें और सामाजिक दूरी का पालन करें। मास्क, तौलिया या गमछा पहनकर निकलें। अन्यथा घर पर रहें। इससे कोरोना हमसे बहुत दूर रहेगा और हम समाज को बचाने में सफल होंगे। उन्होंने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए उम्मीद जतायी कि केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक नागरिक के उत्तम सवास्थ्य के लिए लॉकडाउन की जो कार्रवाई की गई है, उसका सभी पालन करेंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री को भोजन सामग्री के वितरण आदि की वीडियो के जरिए जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने जनपदों के अधिकारियों व लाभार्थियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए जानकारी भी ली।
नगर विकास विभाग के मुताबिक इन लाभार्थियों की सूची विभिन्न कामगार ऐसोसिएशन, रेलवे, स्थानीय स्तर पर जानकारी करके बनाई गई है। 262437 श्रमिकों के खाते में एक हजार रुपये भेजे जा चुके हैं। आज 219318 श्रमिकों की सूची सकुर्लेट की गई है। इस तरह 481755 श्रमिकों के खाते में धनराशि भेजी जाएगी।
इनमें कई जनपदों में बड़ी संख्या में दिहाड़ी करके जीवनयापन करने वाले लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें कानपुर में 25000, लखनऊ में 20000, आगरा में 18000, गाजियाबाद में 14000 और झांसी में 10000 लोग हैं। अन्य जनपदों में भी बड़ी संख्या में लोगों को इसका लाभ मिला है। इसके साथ ही सभी नगरीय क्षेत्रों में 2800 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ समन्वय करके 6 लाख से अधिक भोजन के पैकेट प्रतिदिन तैयार कर वितरित किए जा रहे हैं। सभी निकायों के शेल्टर होम, क्वारंटाइन किए लोगों को भोजन आदि मुहैया कराया जा रहा है।