नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को हुई नौवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। मगर सरकार ने वार्ता को सार्थक बताया है। अब अगले दौर की बातचीत दोनों पक्षों के बीच 19 जनवरी को होगी।
बैठक के बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, “आज की बातचीत अंतिम फैसले पर नहीं पहुंच सकी तथा हम 19 जनवरी को फिर बातचीत करेंगे। हमें आशा है कि बातचीत के जरिए समाधान हो सकेगा। सरकार सर्दी के मौसम में विरोध कर रहे किसानों की दशा को लेकर चिंतित हैं।”
तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति के सामने सरकार अपना पक्ष रखेगी। दूसरी ओर, किसान नेताओं ने कहा है कि वे किसी समिति के सामने नहीं जाएंगे। वे केवल सरकार से बातचीत करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी से संबंधित उनकी मांगें बरकार हैं।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के बारे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 के अपने घोषणा पत्र में कृषि क्षेत्र में सुधारों का वादा किया था। राहुल को यह याद न हो तो उन्हें अपना घोषणा पत्र दोबारा पढ़ना चाहिए। तोमर ने कहा कि स्वयं कांग्रेस के नेता ही राहुल गांधी के बयानों और क्रिया कलापों का उपहास करते हैं।
कांग्रेस घोषणा पत्र के बारे में तोमर ने कहा कि राहुल और सोनिया गांधी यदि इसमें किए गए वादे से सहमत नहीं हैं तो उन्हें मीडिया के सामने यह स्वीकार करना चाहिए कि वे या तो उस समय झूठ बोल रहे थे या आज ऐसा कर रहे हैं।