इस बीच प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने व जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। केंद ने थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक लिमिट 25 मीट्रिक टन और खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक की लिमिट 2 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। हालांकि, ये नियम और लिमिट आयातित प्याज पर लागू नहीं होगी। केंद्रीय खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी है।
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने बताया है कि हमने कीमतों में वृद्धि पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तेज कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से खुदरा हस्तक्षेप के लिए बफर स्टॉक से प्याज लेने का अनुरोध किया है। हालांकि, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 22 अक्टूबर को मुंबई में प्याज की खुदरा कीमत 86 रुपये प्रति किलो, चेन्नई में 83 रुपये प्रतिकिलो, कोलकाता में 70 रुपये प्रति किलो और देश की राजधानी दिल्ली में 55 रुपये प्रति किलो थी।
लीना नंदन ने बताया कि असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। ये राज्य बफर स्टॉक से कुल 8,000 टन प्याज ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मंत्रालय अन्य राज्यों से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है। केंद्र नासिक, महाराष्ट्र के भंडारित बफर स्टॉक से 26-28 रुपये प्रति किलोग्राम की खरीद दर पर उन राज्यों को प्याज देने की पेशकश कर रहा है, जो अपने आप स्टॉक को उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों को प्याज पहुंचाए जाने (डिलीवरी भेजने) की जरुरत है, उनके लिए ये कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम होगी।
उपभोक्त मामलों के सचिव ने कहा कि सहकारी संस्था नाफेड सरकार की ओर से प्याज की बफर स्टॉक के लिए खरीद और उनका रखरखाव कर रहा है, देशभर के थोक मंडियों में प्याज के स्टॉक को ला रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नाफेड राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में केंद्रीय भंडार और मदर डेयरी के सफल बिक्री केंद्र के जरिए खुदरा बिक्री के लिए बफर स्टॉक से प्याज भी दे रहा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अब तक वर्ष 2019-20 की रबी फसल से की गई खरीद से बनाए गए 1,00,000 टन के बफर स्टॉक से 30,000 टन प्याज बाजार में ला चुकी है। खरीफ प्याज के मंडियों में जल्द ही पहुंचने की संभावना है और सरकार को उम्मीद है कि 37 लाख टन की अनुमानित खरीफ फसल उत्पादन के बाजार में आने के बाद आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे कीमतें कम होंगी। इसके अलावा केंद्र सरकार प्याज के आयात पर भी विचार कर रही है, जिसके तहत 15 दिसम्बर तक धुम्रशोधन एवं फाइटोसैनेटिक (स्वच्छता संबंधी) मानदंडों में ढील दी गई है।