नई दिल्ली, 03 अक्टूबर (हि.स.)। कोविड-19 संक्रमण काल में लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। बैंक लोन मोरेटोरियम पर लगने वाले चार्ज की वसूली नहीं करेंगे। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित हलफनामा भी दाखिल कर दिया है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई लोन, एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया और उपभोग लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा। सरकार के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में 2 करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी।
वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि केंद्र सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को बनाए रखने का फैसला किया है। कोविड-19 महामारी की स्थिति में ब्याज की छूट का भार सरकार वहन करे यहीं सिर्फ समाधान है। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी।
इसका आदमी पर क्या होगा असर
दरअसल कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन किया था। लॉकडाउन की वजह से कामधंधे बंद थे, जिससे बहुत से लोग लोन की ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में थे। इसको देखते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ईएमआई नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत दी। लेकिन, बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले अतिरिक्त ब्याज को लेकर थी, जिसे अब सरकार ने वहन करने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। सरकार की ओर से दी गई इस राहत से लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देना होगा। ग्राहकों को सिर्फ लोन का ब्याज देना होगा।