भोपाल, 16 मार्च (हि.स.)। मध्यप्रदेश में राजनीतिक घमासान के बीच सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नाराज भाजपा अपने सभी 106 विधायकों को लेकर सोमवार को राजभवन लालजी टंडन के सामने पहुंची और उसने अपने सभी विधायकों की परेड राज्यपाल के सामने कराई। साथ ही सबका हस्ताक्षर युक्त पत्र भी राजपाल को भाजपा ने सौंपा है। इस बीच राज्यपाल टंडन ने कहा कि यदि उन्होंने कोई आदेश दिया है तो उसका पालन कराना भी हम जानते हैं। गवर्नर ने कहा कि उन्होंने 14 तारीख को पत्र लिखकर सीएम कमलनाथ से स्पष्ट कहा था कि वे अपना बहुमत सिद्ध करें। इस बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी विधायकों से यह भी पूछा कि वे क्या अपनी मर्जी से यहां आए हैं, सभी ने एक स्वर में हां जवाब भी दिया। राज्यपाल ने कहा है कि मैंने जो निर्देश दिए हैं, उसका पालन कराया जायेगा।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम लोग उच्चतम न्यायालय गए हैं। आज राज्यपाल ने कहा है कि वे विधायकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अस्थिर सरकार को कोरोना वायरस भी नहीं बचा सकता। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जाने वाली है, अब यह कुछ भी कर लें, कोई नहीं बचा सकता। इसके पास सिर्फ 92 विधायक बचे हैं, कांग्रेस अल्पमत में हैं ओर ऐसे में वह सरकार चलाने का अपना संवैधानिक अधिकार खो चुकी है। दूसरी तरफ अब भाजपा सुप्रीम कोर्ट से यह मांग करेगी कि स्पीकर को जल्द फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए जाएं। अब संभावना बन रही है कि कोर्ट में तुरंत सुनवाई होने की स्थिति में यहां 26 मार्च से पहले भी फ्लोर टेस्ट कराया जा सकता है।
राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर 16 मार्च को हर हाल में फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था, जिस पर आज कुछ भी नहीं हो सका है। रविवार-सोमवार की रात देर रात कमलनाथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे और वहां उन्होंने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं। सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को एक पात्र में लिखा कि विधानसभा राज्यपाल के नीचे काम नहीं करती। कुल मिलाकर राज्यपाल विधानसभा के लोकपाल की तरह काम कर सकते हैं। फिलहाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सत्ता बनाए रखने के लिए जरूरी मौजूदा आंकड़ा भाजपा के पक्ष में चला गया है ।
अभी कांग्रेस के जिन 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं इनमें से 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए हैं। इस मामले में 16 अन्य विधायकों पर अभी फैसला लिया जाना बाकी है। इन सभी के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मंजूर नहीं किए हैं, अगर इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो कमलनाथ सरकार का जाना तय माना जा सकता है।