गिरती अर्थव्यवस्था में तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का लाभ जनता को दे सरकार :कांग्रेस
नई दिल्ली, 12 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस ने गुरुवार को अर्थव्यवस्था में आई गिरावट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक तरफ शेयर बाजार में 18 लाख करोड़ रुपये डूब गये और डॉलर के मुकाबले रुपया 74.78 रुपये तक पहुंच चुका है। दूसरी तरफ सरकार कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी न करके जनता की जेब से पैसे वसूल रही है। सरकार को चाहिए कि वह गिरती अर्थव्यवस्था में तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का लाभ जनता को दे।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार यस बैंक के चलते गिरती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए लोगों की जेब से पैसे ले रही है। उन्होंने कहा कि एसबीआई ने 44.51 करोड़ खाताधारकों की बचत पूंजी पर मिलने वाला ब्याज 3.25 फीसदी से कम करके 3 फीसदी कर दिया। आज एसबीआई के बचत खातों में 10.91 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इस ब्याज कटौती के हिसाब से 2700 करोड़ का सालाना नुकसान देश के लोगों को है। एसबीआई ने एफडी का ब्याज भी 0.25 फीसदी से 0.5 फीसदी तक कम कर दिया है। एसबीआई में एफडी का 16.8 लाख करोड़ रुपये जमा है। 0.5 प्रतिशत की कटौती के हिसाब से 4020 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान जनता को है। यानी 6720 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान आम जनता को हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत 32-35 डॉलर प्रति बैरल है। नवंबर 2004 में कच्चे तेल की कीमतें 35 डॉलर प्रति बैरल थी, उस समय पेट्रोल 37.84 रुपये प्रति लीटर था। आज इसी कीमत पर पेट्रोल 70.29 रुपये प्रति लीटर है यानी जनता से हर लीटर पर 32.45 रुपये की जबरन वसूली की जा रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री इस डूबती अर्थव्यवस्था पर मौन हैं। कांग्रेस की मांग है कि संसद के सत्र में प्रधानमंत्री इस पर व्यापक वक्तव्य दें।