वित आयोग को स्थाई दर्जा देने की योजना नहीं, इसकी सिफारिशों पर हो रहा विचार : अनुराग ठाकुर
नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार की योजना वित्त आयोग को कोई स्थाई दर्जा देने की नहीं है। ठाकुर ने लोक सभा में सोमवार को एक सवाल के जवाब में बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) आयोग को स्थायी दर्जा देने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार एक निश्चित अवधि के लिए वित आयोग का गठन करती है। ठाकुर ने कहा कि वित्त आयोग की प्रमुख जिम्मेदारियां केंद्र और राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का आकलन एवं दोनों के बीच कर का बंटवारा और इससे जुड़ी नीतियों का निर्माण है।
ठाकुर ने सदन को बताया कि वित आयोग की सिफारिशों पर मंत्रालय एवं विभिन्न विभागों के बीच पहले विचार-विमर्श होगी और उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद 15वें वित आयोग की सिफारिशों के आधार पर की गई कार्रवाई से जुड़ा ज्ञापन संसद के दोनों सदनों की पटल पर रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने नवम्बर में 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल को एक साल 30 अक्टूबर, 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया था। एन के सिंह मौजूदा वित आयोग के अध्यक्ष हैं। सिंह ने वित वर्ष 2020-21 से जुड़ी पहली रिपोर्ट दिसम्बर,2019 में सरकार के समक्ष पेश किया था।
सिंह के अलावा 15वें वित्त आयोग में प्रोफेसर अनूप सिंह, डा. अशोक लाहि़ड़ी, पूर्व आईएएस अजय नारायण झा और प्रोफेसर रमेश चंद सदस्य के तौर पर शामिल हैं। गौरतलब है कि आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूदा पदभार ग्रहण करने से पहले 15वें वित्त आयोग के सदस्य थे।